अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बड़ी मुश्किल से सोमवार सुबह बोकारो के बेरमो स्थित अपने घर लौटे बबलू कुुुुमार का परिवार और आसपास के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। वह सुबह करीब साढ़े दस बजे घर पहुंचे। छोटा भाई सुभाष उन्हें रांची में रिसीव करके कार से बोकारो लाया। काबुल से 168 भारतीयों को लेकर दिल्ली आए भारतीय वायुसेना के सी-17 विशेष विमान में बबलू भी सवार था। काबुल में लगातार उतार-चढ़ाव की स्थिति के बीच भारत सरकार के प्रयास से उसे और अन्य भारतीयों को काबुल हवाई अड्डे पर सुरक्षित लाया गया था, जहां से सोमवार सुबह बबलू बोकारो पहुंचे।
इससे पहले रविवार की शाम झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर बबलू पहुंचे। वतन वापसी पर बबलू भावुक हो गये और कहा कि दूसरा जन्म हुआ। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही सबसे पहले धरती मां को चूमते हुए पीएम मोदी और सीएम हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया। वतन वापसी की खुशी बबलू के चेहरे पर साफ दिख रही थी। यहां सबसे पहले बबलू का RTPCR टेस्ट हुआ। फिर बाहर निकलते ही धरती मां को प्रणाम करते हुए चूमा। वहीं, काफी संख्या में उपस्थित शुभचितंकों ने माला पहना कर स्वागत किया।
वहीं बोकारो में घर बबलू के स्वागत के लिए पहले से ही परिवारीजनों के साथ मुखिया और कुछ अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। यहां बेरमो प्रखंड के बैदकारो पश्चिमी पंचायत अंतर्गत गोटीधौड़ा गांव स्थित अपने घर पहुंचते ही परिवार के लोगों, मुखिया जितेन्द्र कुमार और अन्य गणमान्य लोगों ने बबलू का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान आतंकवाद मुर्दाबाद-अपना वतन जिंदाबाद जैसे नारे भी लगे।
संकटग्रस्त देश अफगानिस्तान से पति के सकुशल लौट आने की खुशी बबलू की पत्नी लाखो देवी के चेहरे पर देखते ही बनती थी। उन्होंने पति को माला पहनाई, आरती उतारी व तिलक लगाया। इस भावुक माहौल में बबलू ने अपने दोनों बच्चों लक्की कुमार और निशांत कुमार को गोद में उठा लिया। बड़े भाई अशोक कुमार, दीपू कुमार, लालबाबू और छोटे भाई सुभाष कुमार ने बबलू को गले लगाकर मिठाई खिलाई। बबलू ने घर के अंदर आकर देवी-देवताओं की तस्वीर के अलावा अपने स्व माता-पिता और एक स्व बड़े भाई की तस्वीर को प्रणाम किया। बबलू से मिलने के लिए उनके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है।
बबलू ने बताया कि पिछले 16 अगस्त से जिस संकट के दौर से गुजरा, उसको बयां अभी नहीं किया जा सकता है। अफगानिस्तान के बारे में बबलू ने कहा कि वहां अंधाधुंध गोली चल रही थी। 15 अगस्त से देश आने का प्रयास कर रहे थे। 16 अगस्त को एयरपोर्ट के लिए निकले। लेकिन, इतनी गोली चल रही थी कि वापस फिर कंपनी के गेस्ट हाउस चले गये। इस गेस्ट हाउस में दो दिन से रुके हुए थे। इस दौरान काफी दिक्कतें भी हुई। लगातार चल रहे गोली-बारुद के बीच में रहे।
बैट्री-इन्वर्टर आदि निर्माण से जुड़ी अफगानाराना नामक कंपनी में बबलू आपरेटर पद पर था। वर्ष 2018 में बने वीजा के आधार पर वह दो बार पहले भी वहां जा चुका था। इस बार तीसरी बार वहां जाने के लिए बीते 30 जून को बेरमो के गांधीनगर स्थित घर से निकला था। 5 जुलाई को दिल्ली से काबुल पहुंचा था।