माता का एक ऐसा मंदिर जो सिर्फ खुलता है साल में एक बार..

Jhupdate: नवरात्र के आते ही भक्तों के मन में एक नए जोश और उमंग का संचालन होता है। भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए नवरात्र के 10 दिन विशेष पूजा करते है। वैसे तो अलग-अलग जगह नवरात्र के अपने अलग-अलग महत्व है। नवरात्र को लेकर शक्ति की अराधना का हर जगह अपना विधान एवं मान्यताएं होती हैं। वैसे तो झारखंड का प्रसिद्ध मंदिर बाबा बैजनाथ धाम बाबा के ज्योतिर्लिंग के लिए बहुत प्रसिद्ध है, लेकिन यहां बाबा के साथ-साथ मंदिर प्रांगण में स्थित 22 अन्य देवी देवताओं के भी अपने महत्व है। इसी में बाबा मंदिर में शक्ति की अराधना का अपना खास विधान है। यहां उपस्थित शक्ति की पूजा तांत्रिक एवं गुप्त विधि से की जाती रहीं है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहण आज तक यहां के पुजारी करते आए है।

हवन कुंड का बनावट है…
पूर्व सरदार पंडा स्वर्गीय श्री श्री रामदत्त ओझा ने इस हवन कुंड का निर्माण कराया। इस हवन कुंड की बनावट अन्य हवन कुंड से अलग है। यह मुख्य मंदिर के उत्तर की ओर प्रसाशनिक भवन के पास स्थित है। हवन कुंड के मंडप की लम्बाई लगभग 30 चौडाई 30 फीट है। इस हवन कुंड के शिखर पर पंचशूल लगा है।

साल में एक बार खुलता है पट….
बाबा बैजनाथ धाम मंदिर के प्रशासनिक भवन में स्थित हवन कुंड मंदिर का एक और विशेष महत्व है। मंदिर का द्वारा सिर्फ साल में एक बार ही खुलता है। जो पारंपरिक रूप से है। महालया एक दिन पहले मंदिर का द्वार खोला जाएगा उसके बाद यहां अगले 10 दिनों तक पूजा की जाएगी। इस वर्ष कुंड को 14 अक्तूबर शनिवार के दिन सुबह करीब आठ बजे खोला जायेगा। खोलने के बाद मंदिर में कुंड व पूरे मंदिर की साफ-सफाई की जायेगी। उसके बाद पूजा प्रारंभ करने के पहले कुंड मैं तांत्रिक विधि पूजा की जाएगी उसके बाद से हवन प्रारंभ हो जायेगी।

विसर्जन के दिन हो जाता है फिर से बंद….
हर साल नवरात्र में कुंड के द्वार खुलने के बाद मंदिर में हवन पूरे नवरात्र के 10 दिन तक जारी रहता है। बाबा मंदिर का पट बंद होने के बाद नवमी के दिन रात में मां पार्वती सहित सभी 22 मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है। नवमी के बाद दशमी के सुबह विसर्जन पूजा व जयंती बली के बाद हवनकुंड के मुख्य द्वार को फिर से बंद कर दिया जाता है। जो पुन: अगले शारदीय नवरात्र में ही खोला जायेगा। कुंड का दरवाजा लकड़ी से बना हुआ है इस मंदिर में हर दिन दैनिक पूजा के लिए पुजारी दूसरे दरवाजे से प्रवेश करेंगे।

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