पूरे देश में किसान आंदोलन के समर्थन में रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया गया। दोपहर 12 बजे से ये आंदोलन शुरु किया गया जो कि शाम 4 बजे तक जारी रहा। किसान आंदोलन के समर्थन में इस रेल रोको आंदोलन का नेतृत्व केंद्रीय किसान संघर्ष मोर्चा की ओर से किया गया था। इस आंदोलन को वामदलों और अन्य जनसंगठनों का भी समर्थन प्राप्त था। आज के इस रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने के लिए सीपीआईएम के द्वारा बीते दिनों बुलाई गई बैठक में यह निर्णय लिया गया था।
रेल रोको आंदोलन में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए रेलवे बोर्ड ने आरपीएफ को जिम्मेदारी सौंपी थी जो रेलवे लाइनों और स्टेशनों में प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों पर नजर रखे हुए थे। इस रेल रोको आंदोलन से झारखंड में अवागामन बाधित होने की कोई खबर नहीं है। आंदोलनकारियों ने शांतिरूप से अपना प्रदर्शन किया।
डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के तत्वावधान में रैली निकाल कर एक घंटे तक प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कुछ देर के लिए जबलपुर से हावड़ा जा रही शक्तिपुंज एक्सप्रेस को रोका गया। इस आंदोलन का प्रभाव दिखाने के लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा इंजन के सामने ही फ़ोटो सेशन संपन्न कराया जा रहा था। तभी शक्तिपुंज एक्सप्रेस तीन नम्बर प्लेटफॉर्म पर आ गई। जिसे रोककर इस ट्रेन के सामने भी प्रदर्शनकारियों ने फोटो खिंचवाई। हालांकि बाद में प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझा कर शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सामने से हटाया गया, जिसके बाद शक्तिपुंज एक्सप्रेस को रवाना किया गया।
केंद्रीय संयुक्त किसान मोर्चा का रेल रोको आंदोलन रांची में भी पूरी तरह असफल रहा। रांची के नामकुम स्टेशन पर दस मिनट तक वाम मोर्चा के कार्यकर्ता मालगाड़ी रोकने में कामयाब रहे। इसी दौरान सभी प्रदर्शनकारी पटरी पर आए और फोटो खिंचवाकर चल दिए। रांची रेल मंडल के CPRO नीरज कुमार ने बताया कि रांची रेल मंडल में आने वाली एक भी पैसेंजर गाड़ी प्रभावित नहीं हुई। सभी गाड़ियां अपने निर्धारित समय से आई और खुली। किसी ट्रेन के परिचालन में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं हुई। अरपीएफ को कहीं भी बल का प्रयोग नहीं करना पड़ा।