झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक अभियंताओं को नियुक्ति में सवर्णों को 10% आरक्षण दिए जाने को सही बताते हुए एकलपीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें सवर्णों को पिछली रिक्तियों में सवर्णों को आरक्षण नहीं देने का निर्देश देते हुए सहायक अभियंताओं की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी थी। शुक्रवार को जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सरकार की अपील याचिका पर फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया जिस दिन से शुरू होती है उसी समय का नियम लागू होता है । पहले की रिक्तियां भी नए नियम के तहत भरी जातीं हैं।
अदालत ने सरकार के निर्णय को सही ठहाराया और JPSC को नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया है। इसके पहले अदालत ने अपील याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद 23 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
2019 में JPSC ने निकाली थी वैकेंसी..
कोर्ट के इस फैसले के बाद JPSC अब अभिंयताओं की नियुक्ति के लिए मुख्य परीक्षा का आयोजन करेगा। पहले यह परीक्षा 22 जनवरी को होनी थी, लेकिन 21 जनवरी को हाईकोर्ट के एकलपीठ ने सवर्णों को पिछली रिक्तियों में आरक्षण देने को गलत बताते हुए नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी थी। JPSC ने सहायक अभियंताओं के कुल 634 पद पर नियुक्ति के लिए 2019 में विज्ञापन निकाला था।