झारखंड विधानसभा में नमाज के कमरे का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, दायर हुई जनहित याचिका..

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार की ओर से नमाज पढ़ने के लिए अलग कमरा आवंटित करने का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. रांची के भैरव सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर राज्य सरकार के इस आदेश को चुनौती दी है. उन्होंने इस आदेश को तत्काल रद्द करने की मांग की है. याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट विजय रंजन सिन्हा ने जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें स्पीकर समेत विधानसभा के सेक्रेटरी जनरल को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में कहा गया कि विधानसभाध्यक्ष का आदेश संविधान में दिये गये प्रावधानों के विरुद्ध है. विधानसभा अध्यक्ष को नमाज के लिए कमरा आवंटित करने का अधिकार नहीं है. प्रार्थी ने याचिका में यह भी कहा कि संविधान के अनुसार सरकार द्वारा किसी धर्म को बढ़ावा नहीं दिया जायेगा और ना ही उसे संरक्षित किया जायेगा. लोगों के टैक्स के पैसे से विधानसभा भवन बना है. नमाज के लिए कमरा आवंटित करना असंवैधानिक है. प्रार्थी ने हाइकोर्ट से विधानसभाध्यक्ष के कमरा आवंटित करने संबंधी आदेश को निरस्त करने की मांग की है.

मालूम हो कि मानसून सत्र के दौरान नमाज पढ़ने के लिए राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में एक अलग कमरा आवंटित किया गया था. इसके बाद से ही सदन में हंगामा शुरू हुआ. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सभी धर्मों के लिए अलग-अलग कमरा आवंटित करने या सरकार के इस आदेश को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इसी बीच रांची के भैरव सिंह की ओर से एडवोकेट विजय रंजन सिन्हा ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर राज्य सरकार को तत्काल इस आदेश को वापस लेने की मांग की है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि विधानसभा में किसी धर्म विशेष के लिए कमरा आवंटित करना गलत है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता की गाढ़ी कमाई को किसी भी धर्म विशेष के नाम पर खर्च नहीं किया जा सकता.

मालूम हो कि भैरव सिंह पिछले दिनों तब सुर्खियों में आया था जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला करना आरोप लगा था. इस मामले में उसे जेल भी जानी पड़ी थी. वहीं, गत जुलाई 2021 में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आया.

इधर, इस मुद्दे को लेकर बीजेपी आरपार की लड़ाई के मूड में है. सदन के अंदर और बाहर जहां विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को विपक्ष हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ते दिखे. वहीं, कई विधायक गेरुआ वस्त्र में भी दिखे. देवघर विधायक नारायण दास हाथ में डमरू व कमंडल तथा ललाट पर तिलक व गले में माला पहने अलग अंदाज में ही दिखे. वहीं, रांची विधायक सीपी सिंह भी ललाट पर तिलक और गेरुआ वस्त्र में दिखे.

बीजेपी इस मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक ले जाने के मूड में है. इसको लेकर बुधवार को विपक्ष विधानसभा घेराव करने का एलान किया है. इसके लिए ‘विधानसभा चलो’ का नारा देकर विधानसभा घेराव की बात कही है. विपक्ष का कहना है कि सरकार किसी एक धर्म विशेष का नहीं, बल्कि सभी धर्मों को साथ लेकर चलने वाली होनी चाहिए. लेकिन, झारखंड की हेमंत सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपना रही है जो सरासर गलत है.

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