झारखंड विधानसभा की नई बिल्डिंग में अल्पसंख्यकों के नमाज पढ़ने के लिए एक खास कमरा आवंटित किया गया है। विधानसभा के कमरा संख्या TW- 348 को नमाज पढ़ने के लिए आरक्षित किया गया है। इस संबंध में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही कमरा आवंटित किए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस पर सियासत भी तेज हो गई है। बीजेपी ने इस लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा का सत्र शुक्रवार से ही शुरू हुआ है और शुक्रवार की शाम ही इस संबंध में आदेश पारित किया गया है।
बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और अब विधानसभा ने भी इस ओर कदम बढ़ाया है। अगर नमाज अदा करने के लिये अलग से कमरे का आवंटन हो सकता है, तो फिर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिये भी बड़ा कमरा या हॉल आवंटित होना चाहिए। जैन धर्म को मनाने वालों के लिये भी प्रार्थना या उपासना के लिये कमरा होना चाहिए। सरना धर्म वालों के लिये भी कमरा होना चाहिए।
हालांकि बीजेपी के इस आरोप को निराधार बताते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि ये परंपरा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है। संयुक्त बिहार के जमाने में भी ऐसी व्यवस्था थी। दरअसल इससे पहले तक नये झारखंड विधानसभा में नमाज अदा करने को लेकर आपसी सहमति से काम चल रहा था। लेकिन अब नमाज अदा करने के लिए एक खास कमरे का आवंटन कर दिया गया है।
इस बीच बीजेपी के वार पर पलटवार करते हुए जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि विधानसभा में कोई मस्जिद का निर्माण नहीं किया गया है, बल्कि नमाज पढ़ने के लिए एक कमरे की ही व्यवस्था की गई है और ये व्यवस्था कोई नई व्यवस्था नहीं है। जेएमएम प्रवक्ता ने कहा कि विधानसभा का नया भवन बीजेपी शासन में बना था और अगर बीजेपी को इतना ही हिन्दू प्रेम था, तो विधानसभा परिसर के अंदर एक मंदिर बनवाना चाहिए था। विधानसभा में शुक्रवार को अल्पसंख्यकों के लिए नमाज अदा करने की व्यवस्था की गई है। अगर किसी को मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना होगा, तो उनके लिए भी कमरे की व्यवस्था कर दी जाएगी। बता दें फिलहाल झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। इस सत्र में नमाज वर्सेस हनुमान चालीसा का मुद्दा आगे और भी गर्म रहने वाला है।