झारखंड में जीएसटी घोटाले की कई स्तरीय जांच के बाद अब लगभग तय हो गया है कि 19 कंपनियों ने फर्जीवाड़ा कर करीब 300 करोड़ का घोटाला किया है। सीजीएसटी, रांची के स्तर से इन कंपनियों की जांच के बाद यह फाइनल आंकड़ा सामने आया है। बता दें कि जीएसटी के तहत फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने वाली कंपनियों के बारे में पूर्व में राज्य के वाणिज्यकर विभाग ने भी खुलासा किया था। सीजीएसटी ने इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए अब घोटाले से जुड़ी स्थिति साफ कर दी है। झारखंड में रजिस्टर्ड इन 19 कंपनियों ने 300 करोड़ का घपला कर 26.51 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है।
सेंट्रल जीएसटी की जांच में तो 12 कंपनियों के बताए पतों पर उनके ठिकाने ही नहीं मिले। इनमें से सात कंपनियों ने हिनू में एक आवासीय मकान का पता दिया था। जीएसटी की टीम जब वहां पहुंची तो उन्हें इस तरह के कारोबार का कोई नामोनिशान नहीं मिला। इसी तरह पांच कंपनियों ने कांके रोड में अपने संचालन का एक ही पता बताया था। वहां भी इस तरह के कारोबार के संचालन की कोई जानकारी नहीं मिली। वहां रहने वाले लोगों ने कंपनियों के नाम से भी अनभिज्ञता जताई।
छत्तीसगढ़, ओडिशा में बैठे हैं घोटाले के किंगपिन
जीएसटी घोटाले का यह पूरा खेल आयरन स्क्रैप और कोयले के कारोबारियों ने किया है। इन लोगों में छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश की कंपनियों को लोहे का कबाड़ और कोयले की बिक्री दिखाकर जीएसटी के इनपुट क्रेडिट पर हाथ साफ कर दिया है। फर्जीवाड़े का आलम यह है कि कई फर्मों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक ही ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया है। सीजीएसटी आयुक्तालय ने छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के कार्यालयों को भी कंपनियों का नाम भेजकर उनकी जन्मकुंडली खंगालने के लिए कहा है।