झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार को समाप्त हो गया| सदन का तीसरा और आखिरी दिन काफी हंगामेदार रहा| हाईकोर्ट द्वारा नियोजन नीति को निरस्त किए जाने के मुद्दे पर सदन में जमकर ड्रामा हुआ|हंगामा और शोरगुल करते हुए विपक्ष के विधायक वेल में पहुंच गए। तो वहीं विपक्ष के विधायकों के हंगामे का विरोध करते हुए खुद सत्तापक्ष के विधायक भी वेल में आ गए। स्थिति को देखते हुए स्पीकर ने नाराजगी जाहिर करते हुए विधानसभा की कार्रवाई लगभग एक घंटे के लिए स्थगित कर दी|तो वहीं महगामा विधायक दीपिका सिंह केंद्र सरकार के कृषि बिल का विरोध करते हुए ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचीं| इसके साथ ही सत्तारुढ़ दल के विधायकों ने कृषि बिलो को किसान विरोधी बिल बताते हुए सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया| झामुमो व कांग्रेस के विधायकों ने हाथ में तख्ती लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया|
बोकारो से भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने सदन में राज्य के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मामला उठाया|उन्होंने प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस रेगुलेशन एक्ट और प्राधिकार के गठन की मांग की|इसके साथा ही फीस नहीं देने पर नामांकन रद्द करने और ऑनलाइन क्लास की स्थिति की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया|
इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने ट्वीट किया कि “झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आज अंतिम दिन है|आशा है सभी दलों के नेताओं व माननीय सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग करेंगे ताकि हम लोकतांत्रिक परम्पराओं को और अधिक सशक्त बना सकें”।
लेकिन सदन में अलग ही माहौल देखने को मिला|हंगामा और शोर-शराबे के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित रही| भाजपा के विधायकों ने सदन के अंदर और बाहर नियोजन नीति व अन्य मुद्दों को लेकर राज्य सरकार को घेरा|इस दौरान भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री रणधीर सिंह के आचरण से सभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो बेहद नाराज हुए|श्री महतो ने उन्हें बाहर करने का आदेश दिया|
हालांकि, इस सब के बीच झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन)विधेयक-2020 को स्वीकृति दे दी गई|विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी|