रांची: रिम्स के कोरोना बाल शाखा में गुमला के बसिया थाना क्षेत्र के 5 महीने के बच्चे की कोरोना से रविवार को मौत हो गई। जिसके कारण अब चिकित्सकों और लोगों की चिंता बढ़ गई है। 16 महीने में कोरोना संक्रमण से इतनी कम उम्र के संक्रमित की मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पहले भी एक 5 महीने के बच्चे की मौत कोरोना से हुई थी। बच्चे की एंटीजेन और आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। रविवार को रिम्स में आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नहीं आने और बच्चे की मौत होने पर परिवार रविवार की सुबह में ही उसे अपने घर गुमला ले गए। शाम में बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया।
बच्चे के पिता ने बताया कि 15 दिन पहले बच्चे की तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद खूंटी में उसका इलाज चल रहा था लेकिन वहां भी जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो रिम्स लाया गया। यहां बच्चे का इलाज शिशु विभाग के कोविड बाल शाखा में विभागाध्यक्ष डॉ ए॰के॰ चौधरी की देखरेख में चल रहा था। निमोनिया के कारण बच्चे को सांस लेने में दिक्कत थी, जिससे उसको ऑक्सिजन पर रखा गया था। रिम्स में 24 घंटे में ही बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई लेकिन डॉक्टर उसे बचाने में असफल रहे।
कोरोना के तीसरी लहर को लेकर ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बच्चे की डमी पर प्रशिक्षण प्राप्त करने को शिशु रोग विशेषज्ञ शामिल हुए। उसे इंट्यूबेशन ट्रेनिंग मॉडल प्रैक्टिस सेशन नाम दिया गया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, इसलिए निश्चिंत नहीं होना चाहिए। बच्चों में अगर कोरोना से संबंधित कोई भी लक्षण दिखे तो आरटीपीसीआर टेस्ट जरूर कराना चाहिए।
कोरोना की तीसरी लहर और बच्चों में संक्रमण को रोकने के लिया राज्य सरकार भी गंभीर है। सरकार ने अभी से अपने स्तर से सतर्कता और सावधानी बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी डीसी को निर्देश जारी किया है। जिसमें टेस्ट, ट्रैक, आइसोलेट, ट्रीट एंड वैक्सीनेट की रणनीति पर कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है। साथ ही डीसी को अपने जिले में इन्हीं 5 बिंदुओं पर तैयारी करने को कहा गया है। आदेश में प्री, अर्बन, रूरल और ट्राइबल क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया है।