झारखंड के अलग अलग हिस्सो में आज महिलाएं ने की वट सावित्री पूजा..

झारखंड समेत बिहार के सभी जिलों में कोरोना पर आस्था भारी साबित हुआ है | झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में महिलाएं वट सावित्री की पूजा करती नजर आयी | इस व्रत के जरिए पत्नियां अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती है और बरगद के पेड़ की विशेष पूजा आराधना करती है | वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के बीच भी भारी संख्या में महिलाएं शामिल होकर वट सावित्री की पूजा की | साथ ही इस व्रत की कथा सुनने के लिए महिलाओं की लंबी कतार भी देखने को मिली |

इस व्रत को उत्तर भारत के कई इलाकों जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, बिहार में मनाया जाता है | हर साल ये व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन आता है | कहा जाता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति के प्राण वापस लौटाने के लिए यमराज को विवश कर दिया था | इस व्रत वाले दिन वट वृक्ष का पूजन कर सावित्री-सत्यवान की कथा को याद किया जाता है |

हिन्दू धर्म में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना जाता है | शास्त्रों के अनुसार इस पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है | इसलिए बरगद के पेड़ की आराधना करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है | धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सावित्री अपने पति के प्राणों को यमराज से छुड़ाकर वापस ले आई थीं | इसलिए इस व्रत का विशेष महत्व माना जाता है | जो भी महिलाएं इस व्रत को करती है, उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है |

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