झारखंड में ‘फ्री कफन’ पर सियासत शुरू, भाजपा ने कसा तंज तो झामुमो ने किया पलटवार..

कोरोना महामारी के भयंकर प्रकोप के कारण देश की स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर आर्थिक स्थिति तक डगमगा गई है। मूलभूत सुविधाओं के लिए भी आमजन को परेशान होना पड़ रहा है। लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि उनके परिजनों की मौत पर कफन मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। हालांकि, देश की तमाम सरकारें व प्रशासन संकट की इस घड़ी में हर तरह से लोगों की मदद करने व उन्हें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटे हुए हैं। इस कड़ी में कोरोना से बड़ी संख्या में हो रही मरीजों की मौत को देखते हुए झारखंड सरकार लोगों को अंतिम संस्कार के लिए मुफ्त में कफन उपलब्ध करा रही है। इस बीच सरकार की इस पहल पर झारखंड में सियासत शुरू हो गई है। पक्ष-विपक्ष दोनों सोशल मीडिया पर कफन पर वार-पलटवार कर रहा है। दरअसल, सोमवार को मंत्रियों से चर्चा के बाद CM हेमंत सोरेन ने अपने एक बयान में कहा था कि राज्य में किसी को भी कफन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी को मुफ्त में कफन दिया जाएगा।

इसके बाद BJP के नेता सरकार पर हमलावर हो गए। गोड्‌डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि सरकार कफन देगी, लेकिन कल से BJP दवाई देगी। जवाब में JMM ने लिखा कि आपका बस चले तो कफन का कारोबार भी कोई उद्योगपति को बेच दें।

कफन बांटने के बजाय गरीबों का इलाज कराएं..
BJP विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड में कफन मुफ्त बांटने वाला आपका वक्तव्य जनमानस के लिए पीड़ादायक और हैरान करने वाला है। अगर आपने कफन बांटने के बदले राज्य के बड़े अस्पतालों में कम से कम पांच गरीब, दलित, आदिवासियों का भी मुफ्त इलाज करा दिया होता तो सौ दो सौ की तो जान बच सकती थी। ये बयान लोगों के जले पर नमक छिड़कने वाला है।

सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की जरूरत..
BJP के प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा कि राज्य को अच्छे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, कफन की नहीं। सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अजीब विडंबना है कि जहां एक ओर केंद्र सरकार देशवासियों की जान बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। वहीं, दूसरी ओर झारखंड की गठबंधन सरकार फ्री में कफन बांटने पर जोर दे रही है।

BJP वालों को गरीब और गरीबाें का दंश नहीं पता..
वहीं JMM ने पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश की एक तस्वीर जारी कर लिखा कि अपने मृतकों को कफ़न भी दे ना सकी BJP सरकार। आज निःशुल्क कफन देने के निर्णय पर भाजपा सवाल उठा रही है क्योंकि उन्हें गरीब और गरीबी का दंश नहीं पता। आगे कहा कि कफन चोरी कर, उन्हें धो कर बेचने वाली BJP वालों की हकीकत देखिए। इनके ‘उत्तम’ प्रदेश में सरकार कफ़न का इंतजाम भी नहीं कर पायी। अपने मृतकों को सम्मान के साथ विदा करना तो दूर की बात – इन्होंने उन्हें कुत्तों और गिद्दों द्वारा नोचे जाने के लिए लावारिस गाड़ दिया।

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