मधुपुर उपचुनाव को लेकर आज शनिवार को मतदान संपन्न हो गया। 487 बूथों पर कोविड गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए वोटिंग कराई गई। 76.61% वोटिंग हुई। इसके साथ ही उपचुनाव में 6 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद हो गई। इनमें से भाजपा और झामुमो के प्रत्याशियों को छोड़ कर शेष निर्दलीय हैं। अब 2 मई को नतीजे आएंगे।
वर्ष 1990 के बाद पहली बार सबसे कम उम्मीदवार मैदान में..
1990 से लेकर अब तक के चुनाव में पहली बार ऐसा हो रहा है कि चुनावी मैदान में प्रत्याशियों की संख्या मात्र 6 है। गांधी चौक पर कुछ लोग इसी बात काे लेकर चर्चा करते दिखे। मो. शमीम ने बताया कि पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार प्रत्याशी कम होने से वोट काटने वाले प्रत्याशी मैदान में नहीं है।
मधुपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव क्यों..
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में मधुपुर सीट से झामुमो प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी ने जीत दर्ज की थी। हेमंत सरकार में वे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद वे ठीक भी हो गए थे, लेकिन 3 अक्टूबर 2020 को उनका निधन हो गया था। उसके बाद से यह सीट खाली है।
झामुमो के हफीजुल हसन और भाजपा के गंगा नारायण सिंह में कड़ा मुकाबला..
मधुपुर उपचुनाव में हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र और पर्यटन मंत्री और हफीजुल हसन झामुमो के प्रत्याशी हैं। वहीं, भाजपा ने गंगा नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। साथ ही चार निर्दलीय अशोक ठाकुर, उत्तम कुमार यादव, किशन कुमार बथवाल व राजेंद्र कुमार मैदान में हैं। वहीं, मधुपुर विधानसभा सीट पर पिछले दो दशकों से झामुमो और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होती आ रही है। इस बार भी दोनों के बीच कड़े मुकाबले की संभावना बनी हुई है।