कोरोना के हालत पर मुख्यमंत्री द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक पूरी हो गई। बैठक में ये निष्कर्ष निकल कर आया कि राज्य में सरकार फिलहाल लॉकडाउन लगाने की बजाय और सख्ती बढ़ाई जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों से सहयोग मांगा।
शनिवार शाम हुई इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में भाजपा सांसद दीपक प्रकाश, कांग्रेस से मंत्री रामेश्वर उरांव, आजसू के सुदेश महतो, एनसीपी से कमलेश सिंह, जेएमएम से सुप्रियो भट्टाचार्य, वाम दलों से जनार्दन प्रसाद, हलधर महतो, गोपीकांत बख्शी, महेंद्र पाठक और अन्य शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद बताया कि सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। सरकार तमाम चुनौतियों के बावजूद सीमित संसाधनों के साथ आगे बढ़ रही है। उम्मीद है कि अगले 15-20 दिनों में सरकार कोरोना पर नियंत्रण पाने की बेहतर स्थिति में होगी। कुछ समय पहले तक राज्य में आरटीपीसीआर लैब नहीं था। लेकिन अब सभी जिलों में लैब और कोरोना जांच की व्यवस्था पर काम चल रहा है। फिलहाल सात जगहों पर डेडिकेटेड लैब संचालित हैं जिसे बढ़ाकर अब 9 कर दिया जायेगा। पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गोड्डा, देवघर समेत अन्य जिलों में भी लैब शुरू किया जायेगा।
फिलहाल लॉकडाउन नहीं
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि सरकार फिलहाल लॉकडाउन लगाने की बजाय राज्य में कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने को लेकर प्रयासरत है। हालांकि इसके बदले कुछ कड़े कदम उठाए गए हैं। जैक बोर्ड की परीक्षा जिसमें साढ़े पांच लाख विद्यार्थी शामिल होने वाले थे, उसे अभी स्थगित किया गया है। आने वाले समय में और भी अहम निर्णय लिए जाएंगे। कई मजदूर भी बाहर से वापस आ रहे हैं ऐसे में उनका भी ख्याल रखना है। जो संक्रमित हैं और सामान्य हैं, वे चिंता ना करें, बेहद जरूरी होने पर ही अस्पताल जाएं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्दी ही 2 कोवास मशीन लिये जाने हैं ताकि बड़े पैमाने पर कोरोना जांच हो सके। 15-20 दिनों में यह मिल जाएगा। इसके अलावा कम से कम हर जिले में 50 ऑक्सीजन बेड और प्रमंडल स्तर पर 100 अतिरिक्त बेड की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का आदेश जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि सात दिनों के भीतर रांची में 600 बेड उपलब्ध कराया जा चुका है। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में मेडिकल कीट, ऑक्सीमीटर की व्यवस्था की जाएगी। राज्य के कई डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में पारा मेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ायी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रोफेसर और साहित्यकार गिरिधारी राम गौंझू के निधन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित होने के बाद सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में जगह नहीं मिलने के कारण उनकी मौत की घटना बेहद दुखद है। कई अधिकारी और विधायक भी संक्रमित हो रहे हैं। सरकार इन सबके बीच लगातार अपने संसाधनों के साथ आगे बढ़ने में लगी है। उन्होंने बताया कि पीएम, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री से रामगढ़, दीपाटोली (रांची) में उपलब्ध पारा मेडिकल स्टाफ और अस्पताल की मदद राज्य को दिये जाने का आग्रह किया है। इस मसले पर भाजपा सांसद दीपक प्रकाश ने केंद्र सरकार से बात करने में मदद करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने माना कि राज्य में रेमडेसिवीर की कमी है। राज्य को 38 से 40 हजार फाइल की जरूरत थी जिसके विरुद्ध उसे 8000 ही मिल पाई है। इसके लिए अब सीधे निर्माता कंपनी से ही बात की जा रही है कि जिससे ये दवा सीधे राज्य सरकार को मिले। टीकाकरण के एसओपी पर काम हो रहा है। सभी उम्र के लोगों को टीका लगाने पर केंद्र से निर्देश लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राजमहल सांसद ने अपने फंड से आरटीपीसीआर लैब बनाने की पहल की है। ऐसी ही भूमिका और जनप्रतिनिधि भी निभायें।
कोरोना की जंग में भाजपा सरकार के साथः दीपक प्रकाश
सर्वदलीय बैठक में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने में पार्टी, सत्ता एवं दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य सरकार के साथ खड़ी होगी। पार्टी द्वारा रचनात्मक सहयोग दिया जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपने विचार देते हुए कहा कि सभी जिलों में एक हेल्पलाइन नंबर शुरू करें। इससे मरीज व परिजनों को कोरोना से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि झारखंड में ऑक्सीजन की नहीं बल्कि सिलेंडर की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए टाटा और जिंदल जैसी कंपनियों से बात की जाए। ऑक्सीजन के कालाबाजारी पर रोक लगाएं।
बैठक में रामेश्वर उरांव, सुदेश महतो सहित अन्य दलों के लोगों ने भी सुझाव दिये।