कोरोना के कारण बीते साढ़े पांच महीने से सभी स्कूल बंद पड़े हैं। लेकिन अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ राज्य के सभी हाईस्कूल और प्लस टू स्कूलों को 21 सितंबर से खोला जा सकता है।इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रस्ताव तैयार कर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजा है। अब इसपर गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सहमति ली जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आधार पर तैयार हुए प्रस्ताव के अनुसार, इन स्कूलों में 50 प्रतिशत तक टीचिंग व नॉन- टीचिंग स्टाफ आएंगे। सभी शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर एक दिन के अंतराल पर स्कूल आना होगा। वही 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को अगर किसी विषय में कोई समस्या होगी तो इसके लिए वो अपने अभिभावकों से लिखित अनुमति लेकर अपने स्कूल जा सकेंगे। अटेंडेंस को लेकर किसी तरह की बाध्यता नहीं होगी।
इसके साथ ही वो बच्चे जो अगले साल मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देनेवाले हैं, वो भी स्कूल आ सकेंगे। लेकिन, इन बच्चों के लिए क्लास नहीं चलेंगी। ये बच्चे स्कूल में मौजूद शिक्षकों से परामर्श और मार्गदर्शन ले सकेंगे और सवाल हल करा सकेंगे। किसी भी बच्चे को स्कूल आने के लिए न तो पाबंद किया जाएगा और न ही रोका जाएगा।
प्रस्ताव में ये साफ किया गया है कि 21 सितंबर से सिर्फ वही स्कूल खुलेंगे, जो कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं। साथ ही कंटेनमेंट जोन के बाहर के ही विद्यार्थी शिक्षक से परामर्श लेने आ पाएंगे।
झारखंड के शिक्षा मंत्री श्री जगरनाथ महतो ने बताया कि कोरोना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जो गाइडलाइन जारी की है,उसी के आधार पर तैयार प्रस्ताव को आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा जाएगा। इसमें सभी गाइडलाइन का अक्षरश: पालन किया जाएगा।