जहां आज विश्वभर में लोग अपना खुद का स्टार्टअप खोलने में लगे हैं, वहीँ झारखण्ड में इसकी रफ़्तार अभी भी धीमी है। यही नहीं, स्टार्टअप की दौड़ में झारखण्ड, बिहार और छत्तीसगढ़ से भी पीछे है। हालाँकि पश्चिम बंगाल में इसकी स्थिति बेहतर है।
गौरतलब है कि देशभर में 2016 में स्टार्टअप योजना शुरू की गयी थी। लेकिन पिछले पांच सालों में राज्य में केवल 407 लोग ही इसके अंतर्गत रजिस्टर्ड हुए हैं। वहीं बिहार में 693, छत्तीसगढ़ में 528 और पश्चिम बंगाल में 1178 उद्यमकर्त्ताओं को इसका लाभ मिला। वाणिज्यकर और उद्योग मंत्रालय की ओर से सांसद तेजस्वी सूर्या के सवाल के जवाब के तौर पर इन आंकड़ों को लोकसभा में पेश किया गया। यदि केवल झारखण्ड की बात करें तो 2016 में दो, 2017 में 35, 2018 में 88, 2019 में 89, 2020 में 165 और 2021 में 28 उद्यमकर्त्ता रजिस्टर्ड हुए। आपको बता दें कि झारखण्ड में स्टार्टअप का काम आईआईएम अहमदाबाद की ओर से किया जा रहा था लेकिन पिछले साल सरकार का अनुबंध संस्था के साथ ख़त्म हो गया।
यदि आंकड़ों की मानें तो महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्य शीर्ष पर हैं। महाराष्ट्र में 8327, कनार्टक में 5979, दिल्ली में 5557, उत्तर प्रदेश में 3857 और गुजरात में 2586 उद्यमियों को रजिस्र्टड हुए। बिहार की बात करें तो साल 2016 में एक, 2017 में 48, 2018 में 147, 2019 में 155, 2020 में 265 और 2021 में 77 उद्यमकर्त्ता स्टार्टअप के अंतर्गत रजिस्टर्ड हुए।
पश्चिम बंगाल में साल 2016 में 8, 2017 में 177, 2018 में 275, 2019 में 314, 2020 में 404, 2020 में 94 उद्यमी रजिस्र्टड हुए। वहीं असम में 2016 में 10, 2017 में 35, 2018 में 68, 2019 में 67, 2020 में 119 और 2021 में 35। इस राज्य में कुल 324 उद्यमकर्त्ताओं को रजिस्र्टड किया गया. जो झारखंड से पीछे है. वहीं छत्तीसगढ़ में 2016 में 11, 2017 में 57, 2018 में 121, 2019 में 162, 2020 में 155 और 2021 में 22 उद्यमकर्त्ता जुड़े।
आपको बता दें कि राज्य में रजिस्टर्ड उद्यमकर्त्ताओं में से केवल 17 उद्यमकर्त्ताओं को फण्ड का लाभ मिला जो पिछली सरकार की तरफ से 2019 में दिया गया था। फिलहाल आईटी विभाग द्वारा आईआईएम अहमदाबाद को फिर से स्टार्टअप का कार्यभार देने की तैयारी की जा रही है।