“शीशे को हीरे के तौर नहीं बेचेंगे, झारखंड में सभी क्षेत्र में निवेश के हैं अपार संभावनाएं”..

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित स्टेकहोल्डर कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया| इस दौरान दो अहम एमओयू साइन कर राज्य की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में पहल की गई| माना जा रहा है कि इससे कोरोना संक्रमण के राज्य की आर्थिक स्थिति को गति देने में मदद मिलेगी|

कॉन्फ्रेंस में झारखंड सरकार के उद्योग विभाग ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (FICCI) और फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया| राज्य के उद्योग विभाग की ओर से उद्योग सचिव पूजा सिंघल और फ्लिपकार्ट की ओर से चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार और फिक्की के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल अरुण चावला ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किया.

इस एमओयू के तहत फ्लिपकार्ट राज्य के विभिन्न स्थानों पर उपरोक्त जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्लिपकार्ट फुलफिलमेंट सेंटर और फैसिलिटी हब का संचालन करेगा| इससे राज्य में करीब तीन हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा|

वहीं फिक्की अपनी क्षेत्रीय विशेषज्ञता, उद्योग संपर्क, वैश्विक नेटवर्किंग, औद्योगिक और विभिन्न क्षेत्रीय नीतियों की समीक्षा कर राज्य सरकार को सहयोग, व्यापार की सुगमता को प्रोत्साहित करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगा| राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण, सूक्ष्म, मध्यम, लघु उद्योग, हेल्थकेयर, पर्यटन के क्षेत्र में राज्य सरकार को आवश्यक तकनीकी सलाह और निवेश में मदद करेगा|

कॉन्फ्रेंस में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं| झारखंड सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में से एक है| उन्होंने यहां उद्योपतियों को आगे आकर यहां एक लाख करोड़ रुपये की प्रस्तावित परियोजनाओं में निवेश करने और समृद्ध लाभांश प्राप्त करने का आग्रह किया| मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार शीशे को हीरे के तौर पर बेचने में विश्वास नहीं करती है| उन्होंने टाटा समूह का जिक्र करते हुए कहा कि पूरा देश टाटा को जानता है और झारखंड ही वो क्षेत्र है जहां से इस कंपनी का उदय हुआ है|
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निवेशकों को ये वादा किया कि कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के लिए झारखंड कुछ बेहतरीन अवसर प्रदान करेगा|
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, खनिज संपन्न राज्य होने के अलावा, झारखंड टमाटर उत्पादन में देश में दूसरे, मटर और फलियों में पांचवां, गोभी, भिंडी और फूलगोभी में छठे स्थान पर है| यहां 33 प्रतिशत वन आवरण के साथ 175 से अधिक लघु वन उपज हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×