झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आज तीसरे दिन भी विपक्ष बेहद आक्रामक रूप में नजर आया। पहले तो भाजपा के नेताओं ने सदन के बाहर हेमंत सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। नियोजन नीति, और बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा ने कार्यवाही शुरू होने से पहले परिसर में प्रदर्शन किया।
लेकिन इस बीच झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सदन पहुंचे और विपक्ष द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के विरूद्ध अकेले ही भिड़ गए। बन्ना गुप्ता ने भाजपा नेताओं के सामने महंगाई और कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार की आड़ में भाजपा नेताओं पर निशाना साधा।
इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया| सदन के अंदर भी खूब ड्रामा चला। भाजपा के विधायक कई बार वेल में पहुंचे। वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हजारीबाग में केरोसिन विस्फोट के मामले में अपनी मांगों को लेकर विधायक मनीष जायसवाल वेल में लेट गए। जिसके बाद इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखते हुए मृतकों के लिए चार-चार लाख रुपए की मुआवजा राशि की घोषणा की।
हालांकि विपक्ष का हंगामा यहीं नहीं थमा।मंगलवार को भी हंगामे के कारण सदन दो बार स्थगित करनी पड़ी। वहीं सदन में आज जय श्री राम के नारे भी गूंजे।शून्यकाल के दौरान जब इरफान अंसारी अपनी सूचना दे रहे थे, तब भाजपा के विधायक वेल में पहुंच गए और जय श्री राम के नारे लगाने लगे। इन सारी बातों पर इरफान अंसारी बेहद नाराज हो गए और भाजपा विधायकों के इलाज करने तक की बात कह दी।
इरफान अंसारी अपने विधानसभा क्षेत्र जामताड़ा के करमदाहा और करमाटांड के मंदिर के जीर्णोद्धार मांग कर रख रहे थे।उन्होंने इन क्षेत्रों को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की बात कही। इतने में भाजपा विधायक अमर बाउरी, भानु प्रताप शाही, अमित मंडल, और मनीष जायसवाल जय श्री राम का नारा लगाने लगे।
बस फिर क्या था.. इरफान अंसारी विफर गए और कहा कि इन लोगों का इलाज मैं करूंगा। बता दें कि इरफान अंसारी के सामने जय श्री राम के नारे पहले भी लगते रहे हैं। कई बार इसे लेकर इरफान और बाकी नेता भी सुर्खियों में रहे हैं।
इसके बाद हद तो तब हो गई जब रांची से भाजपा के विधायक सीपी सिंह ने सदन में संसदीय पत्र फाड़ दिया। इसके बाद बवाल और बढ़ गया। हंगामा बढ़ने के साथ ही विधायक प्रदीप यादव सीपी सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लेकर आ गये। उन्होंने सीपी सिंह को सत्र से निष्कासित किये जाने की मांग की। उनकी इस मांग के बाद सदन में हंगामा और बढ़ गया।
लगातार हो रहे इस हंगामे को लेकर विरोधी दल के मुख्य सचेतक सह बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने हेमंत सरकार को हंगामे के लिए जिम्मेदार ठहराया उन्होंने कहा कि भाजपा हंगामा नहीं चाहती। लेकिन सरकार मुद्दों पर स्पष्ट जवाब दें।
वहीं विपक्ष के हंगामे और सदन में आज हुए तमाम गतिविधियों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष बिना वजह सदन को बाधित कर रहा है। इससे खुद को बौद्धिक और अनुशासित पार्टी कहने वाले भाजपा पार्टी का चेहरा उजागर हो गया।