160 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से धनबाद-गया के बीच अब सौर ऊर्जा से दौड़ेंगी ट्रेनें..

रेलवे अब हावड़ा-नई दिल्ली रेलखंड में धनबाद-गया के बीच एक नया अध्याय जोड़ने की तैयारी में है। जल्द ही अब सौर ऊर्जा की मदद से धनबाद-गया के लगभग 50 किलोमीटर के क्षेत्र में ट्रेनों का परिचालन होगा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीआरएम आशीष बंसल ने बताया कि रेलवे हावड़ा से नई दिल्ली के बीच 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से ट्रेन चलाने की मुहिम में जुटा है। इसी कड़ी में 50 किलोमीटर रेलखंड में सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा के उत्पादन की योजना तैयार की गई है।

उन्होंने ने यह भी कहा कि कोरोना काल में ट्रेनें बंद रहने से धनबाद डिवीजन ने इस समय को अवसर के रूप में बदलने की कोशिश की है । रेल पटरी, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन हो या फिर डीआरएम कार्यालय के शत-प्रतिशत डिजिटल करने का प्रयास किया गया है । उन्होंने यह भी बताया कि इस अंतराल में धनबाद डिवीजन ने कई उपलब्धियां हासिल कीं है- जिनमें एसएमएस के माध्यम से क्विक वाटरिंग अरेजमेंट के जरिए ट्रेनों में पानी भरना, 15 दिनों में विकलांगता सर्टिफिकेट बनाना, कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए मंडल के 339 टीटीई को पीओएस मशीन देना शामिल है। वही 16 लेवल क्रॉसिंग गेट को हटाकर नया ब्रिज बनाया जा रहा है। आने वाले समय में जल्द ही स्टेशन पर जनरल टिकट के लिए एटीवीएम लगाने और गोमो में कोच गाइडेंस बोर्ड लगाने की योजना है।

साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि धनबाद स्टेशन के दक्षिणी छोर का विकास कार्य चल रहा है। सड़क के साथ लिमिटेड हाइट सबवे का भी निर्माण हो रहा है। पुराना बाजार एलसी गेट से पूरब की ओर टिकियापाड़ा की तरफ भी सड़क बनाने का काम भी जारी है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि धनबाद स्टेशन पर लिफ्ट लगाने का काम चल रहा है। डीएफसी को लेकर भी कई बदलाव होने हैं, इस पर जल्द काम शुरू होगा।

धनबाद से गिरिडीह के लिए नई रेल लाइन बिछाने को लेकर रेलवे पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि तीन साल पूर्व बजट में धनबाद से गिरिडीह के लिए रेलवे लाइन बिछाने के संदर्भ में भी घोषणा हुई थी। सर्वे का काम भी पूरा किया गया लेकिन इस बजट में इस रेलखंड की चर्चा तक नहीं हुई। सर्वेक्षण में लाखों रुपए खर्च करने के बाद दो साल पूर्व धनबाद-गिरिडीह लाइन के लिए राशि भी आवंटित की गई थी। इस संबंध में पूछने पर डीआरएम ने बताया कि नई रेल लाइन बिछाने के लिए सेंक्शन मिलता है। जिसकी स्वीकृति अभी तक नहीं मिली है।

कॉन्फ्रेंस में डीआरएम ने अपने एक जवाब में बताया कि धनबाद-चंद्रपुरा वैकल्पिक मार्ग के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। रूट तय होते ही रेलवे बोर्ड इस मद में राशि आवंटित करेगी। फिलहाल डीसी लाइन सुरक्षित है। सीएमए की टीम डीसी लाइन की निगरानी कर रही है। सीसीआरएस के निर्देश के अनुसार रेल लाइन की पेट्रोलिंग नियमित रूप से की जा रही है। । कुसुंडा में आरआरआई के लिए राशि मिली है,साथ ही पाथरडीह, दुग्दा और डिवीजन के अन्य दो स्टेशनों पर भी आरआरआई का प्रावधान किया गया है। ओवरहेड तार दुरुस्त करने के लिए भी फंड दिया गया है।

अंत में डीआरएम ने बताया कि जैसे-जैसे देश में कोरोना टीकाकरण की मुहिम तेज होगी, वैसे-वैसे बंद ट्रेनें भी पटरी पर आ जाएंगी। फिलहाल जरूरत को देखते हुए और टिकटों की बिक्री के आधार पर ट्रेन के परिचालन को वरीयता दी जा रही है। उम्मीद है मार्च के बाद सभी ट्रेनें पहले की तरह चलने लगेंगी। सीनियर डीसीएम अखिलेश कुमार पांडेय ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए बजट में धनबाद डिवीजन को मिले फंड की जानकारी दी। पत्रकार वार्ता में एडीआरएम अशोक कुमार, आशीष कुमार झा, एससी चौधरी उपस्थित थे।

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