रांची/बोकारो। झारखंड के औद्योगिक विकास को एक नई गति देने की तैयारी शुरू हो गई है। बोकारो में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने 746 एकड़ जमीन देने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस परियोजना को लेकर राज्य सरकार और सेल के बीच लंबे समय से वार्ता जारी थी। अब दोनों पक्षों ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए सामंजस्य बनाना शुरू कर दिया है।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 1444 करोड़ का प्रस्ताव
सेल ने राज्य सरकार के समक्ष 746 एकड़ जमीन के बदले 1444 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा था। इसके जवाब में राज्य सरकार ने 714 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों के बीच कीमत को लेकर सहमति बनाने की कवायद चल रही है।
राज्य सरकार का कहना है कि इस कॉरिडोर के निर्माण से झारखंड में औद्योगिक निवेश के नए रास्ते खुलेंगे। इसका सीधा लाभ रोजगार और आर्थिक विकास के रूप में सामने आएगा।
पहले भी हुई थी योजना पर चर्चा, ग्रामीणों के विरोध के कारण अटका था मामला
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में बोकारो में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए जमीन चिन्हित की गई थी। उस समय यह योजना 1000 एकड़ भूमि पर बनने वाली थी। लेकिन आसपास के ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। अब नए प्रस्ताव में 746 एकड़ भूमि शामिल है, जिसमें से अधिकांश सेल की अधिशेष भूमि है।
ग्रामीणों के साथ हुई बातचीत के बाद यह तय हुआ कि स्थानीय लोगों को भी इस परियोजना से जोड़ा जाएगा, ताकि वे विकास की मुख्यधारा में आ सकें।
झारखंड समेत सात राज्यों में बनेंगे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
यह परियोजना केवल झारखंड तक सीमित नहीं है। भारत सरकार ने देश के सात राज्यों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिनमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
इन राज्यों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित होने से लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी, निवेश को बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
बोकारो में परियोजना की विशेषताएं
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स्थान: बोकारो, झारखंड
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जमीन: 746 एकड़ (सेल की अधिशेष भूमि)
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लागत: लगभग 1444 करोड़ रुपये (प्रस्तावित)
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उद्देश्य: औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, MSME को बढ़ावा, और रोजगार सृजन।
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लाभार्थी: बोकारो और आसपास के जिलों के लाखों युवा।
राज्य सरकार और सेल के बीच सहमति की कोशिशें
राज्य सरकार और सेल के अधिकारियों के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं। दोनों पक्षों का लक्ष्य है कि जमीन का मामला जल्द से जल्द सुलझाया जाए ताकि परियोजना का शिलान्यास शीघ्र हो सके।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह कॉरिडोर झारखंड के औद्योगिक नक्शे को बदल देगा। यह न केवल निवेशकों को आकर्षित करेगा बल्कि झारखंड को उद्योग और रोजगार का हब बनाने में मदद करेगा।”
बोकारो में बनने वाला इंडस्ट्रियल कॉरिडोर झारखंड के औद्योगिक परिदृश्य में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसके शुरू होते ही राज्य में रोजगार, आर्थिक विकास और स्थानीय उद्योगों को नई रफ्तार मिलेगी। राज्य सरकार और सेल के बीच तेजी से हो रही वार्ता इस बात का संकेत है कि आने वाले कुछ महीनों में झारखंड को इस दिशा में बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।