बोकारो से एक बड़ी और संवेदनशील खबर सामने आई है, जहां एक मुस्लिम युवक ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट किया, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किया गया युवक नौशाद, बोकारो के बालीडीह थाना क्षेत्र के मिल्लत नगर इलाके का रहने वाला है और मूल रूप से बिहार का निवासी है. नौशाद के पिता बोकारो इस्पात संयंत्र के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं.
क्या था विवादित पोस्ट में
नौशाद ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें उसने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों और पाकिस्तान को “थैंक्यू” कहा था. यह पोस्ट जैसे ही सामने आया, वैसे ही सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली. इस पोस्ट को न सिर्फ आपत्तिजनक माना गया बल्कि देश विरोधी मानसिकता को दर्शाने वाला भी समझा गया.
नेताओं की मांग पर हुई तत्काल गिरफ्तारी
इस पोस्ट के सामने आने के कुछ ही देर बाद रांची के विधायक सी.पी. सिंह और बोकारो के पूर्व विधायक विरंची नारायण ने बोकारो एसपी मनोज स्वर्गियारी को फोन कर आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की. दोनों नेताओं ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला बताया और इस तरह के देशविरोधी विचारों के प्रति कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता जताई. पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए रातोंरात कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. बालीडीह थानेदार नवीन कुमार सिंह ने नौशाद की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसके संबंध किन-किन लोगों से हैं और उसने यह पोस्ट किन परिस्थितियों में डाला.
पहलगाम आतंकी हमले में कई राज्यों के लोगों की गई जान
इस घटना का संदर्भ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस आतंकी हमले से है, जिसमें देश के कई राज्यों के लोगों की जान गई. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकियों ने सबसे पहले लोगों के पहचान पत्रों की जांच की और फिर गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाकर गोलीबारी की. हमले में जान गंवाने वालों में महाराष्ट्र से 6, पश्चिम बंगाल से 2, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, केरल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं. इसके अलावा, गुजरात और कर्नाटक से 3-3 लोग इस हमले में मारे गए। एक नेपाली पर्यटक और एक स्थानीय निवासी की भी इसमें मौत हुई.
सोशल मीडिया पर निगरानी जरूरी
इस पूरे मामले ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित किया है. सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम बन चुका है जहां किसी भी विचार को बड़ी तेजी से साझा किया जा सकता है, लेकिन जब इसका दुरुपयोग किया जाता है, तो यह समाज में तनाव फैलाने का माध्यम भी बन सकता है. नौशाद की गिरफ्तारी से यह संदेश गया है कि देश विरोधी और आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस और प्रशासन अब यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि सोशल मीडिया पर फैलने वाले इस तरह के विचारों पर नज़र रखी जाए और समय रहते उचित कदम उठाए जाएं.