डीपीएस बोकारो में रंग पंचमी के शुभ अवसर पर बुधवार को होली मिलन समारोह का भव्य आयोजन किया गया. यह आयोजन ब्रज की पारंपरिक होली से प्रेरित था, जहां रासायनिक रंगों की जगह पर्यावरण के अनुकूल फूलों की पंखुड़ियों का प्रयोग किया गया. इस इको-फ्रेंडली होली में शिक्षकों, विद्यालय के अन्य कर्मचारियों और पूरे विद्यालय परिवार ने आनंदपूर्वक भाग लिया. फूलों से सजी इस होली ने विद्यालय परिसर को एक नई खुशबू और रंगों की छटा से भर दिया.
फूलों की पंखुड़ियों से सजी अनोखी होली
इस अनोखी होली में प्राचार्य, उपप्राचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रधानाध्यापिकाएं सहित सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी सम्मिलित हुए. सभी ने एक-दूसरे पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाकर रंग पंचमी के उत्सव को और भी खास बना दिया. पूरे विद्यालय परिसर में रंग-बिरंगे फूलों की सुगंध बिखर गई, जिससे यह उत्सव और भी यादगार बन गया. शिक्षकों और कर्मचारियों ने मिलकर होली के पारंपरिक गीतों और नृत्य प्रस्तुतियों से इस पर्व की खुशियों को दोगुना कर दिया. विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने भी शिक्षकों के साथ प्रस्तुति में भाग लिया और उनका उत्साहवर्धन किया. इस दौरान उन्होंने भारत की समृद्ध परंपरा, संस्कृति और होली की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला.
समरसता, सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है होली : डॉ. गंगवार
अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ. गंगवार ने कहा कि भारत की गौरवशाली संस्कृति सामाजिक समरसता, सौहार्द, आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है. उन्होंने कहा कि होली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि यह जीवन के विविध रंगों का प्रतीक भी है. यह पर्व हमें सिखाता है कि भले ही हमारे जीवन में विभिन्न परिस्थितियां आएं, हमें हमेशा उत्साह और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने देशभर में होली मनाने के विभिन्न तरीकों पर भी चर्चा की और बताया कि कैसे यह त्योहार अब वैश्विक रूप ले चुका है. रंग पंचमी की पौराणिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह नकारात्मक ऊर्जाओं पर विजय का प्रतीक है और इसे देवताओं की होली भी कहा जाता है। यह पर्व अध्यात्मिक और धार्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. डॉ. गंगवार ने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को होली के रंगों से प्रेरणा लेनी चाहिए. जीवन में विभिन्न रंगों का महत्व होता है, जैसे खुशी, संघर्ष, सफलता और आशा. यह पर्व हमें सिखाता है कि हर परिस्थिति में हमें अपने जीवन को रंगों की तरह खूबसूरत बनाए रखना चाहिए.
शिक्षकों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां
इस भव्य आयोजन की शुरुआत शिक्षकों द्वारा प्राचार्य डॉ. गंगवार को पुष्पगुच्छ भेंटकर और फूलों का मैत्री बंधन पहनाकर स्वागत करने से हुई. इसके बाद संगीत और नृत्य का रंगारंग कार्यक्रम शुरू हुआ. प्राइमरी और सीनियर विंग के शिक्षकों ने पारंपरिक और फिल्मी होली गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दीं. कुछ प्रमुख गीतों में ‘होली खेले रे गिरधारी मुरारी…’, ‘रंग बरसे भीगे…’, ‘होली खेले रघुवीरा…’ और ‘मोहे रंग दो लाल…’ शामिल थे. शिक्षकों की मधुर आवाज और ऊर्जा से भरी प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया. संगीत विभाग के शिक्षकों ने सदाबहार गीतों की नॉनस्टॉप मेडली प्रस्तुत की, जिसे सभी ने खूब सराहा. इसके बाद उन्होंने होली गीतों पर ऊर्जावान नृत्य-प्रस्तुति भी दी, जिसने दर्शकों से भरपूर तालियां बटोरीं.
दीपांश शिक्षा केंद्र की शिक्षिकाओं ने भी बढ़ाया आयोजन का आकर्षण
डीपीएस बोकारो द्वारा संचालित दीपांश शिक्षा केंद्र, जो कि वंचित वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए कार्यरत है, की शिक्षिकाओं ने भी रंगारंग नृत्य प्रस्तुति दी. उनकी प्रस्तुति को उपस्थित सभी लोगों ने खूब सराहा. इस कार्यक्रम में उनकी भागीदारी ने यह दर्शाया कि होली केवल रंगों का त्योहार ही नहीं, बल्कि समानता और समरसता का प्रतीक भी है.
आकर्षक थीम और सजावट ने बढ़ाई शोभा
होली मिलन समारोह की विशेषता इसकी भव्य सजावट भी थी. विद्यालय परिसर और मंच को होलियाना थीम पर सजाया गया था. रंग-बिरंगे फूलों, पारंपरिक बंदनवार और रंगीन पत्तियों से सजे मंच ने इस आयोजन की शोभा बढ़ा दी. हर ओर गुलाल और फूलों की खुशबू थी, जिसने वातावरण को और भी उल्लासमय बना दिया.