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होली पर रिम्स और सदर अस्पताल अलर्ट, इमरजेंसी सेवाएं चालू……

होली के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रांची के रिम्स और सदर अस्पताल को अलर्ट मोड पर रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं ताकि त्योहार के दौरान मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो. जिला अस्पतालों और अन्य सरकारी अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है. होली के दिन रांची के सदर अस्पताल में तीन एंबुलेंस की तैनाती की गई है, और 108 एंबुलेंस सेवा को भी विशेष रूप से अलर्ट पर रखा गया है. सरकारी छुट्टी के बावजूद, रिम्स और सदर अस्पताल की इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी. रोस्टर के आधार पर डॉक्टरों की ड्यूटी तय कर दी गई है, ताकि इमरजेंसी सेवाओं में कोई बाधा न आए.

रिम्स में इमरजेंसी सेवाओं की विशेष तैयारी

रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि होली के दौरान इमरजेंसी सेवाओं को पूरी तरह सुचारू रखने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं. मरीजों को दवाओं और जांच की सुविधा देने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं.

• इमरजेंसी विभाग में 24 घंटे डॉक्टर मौजूद रहेंगे.

• जरूरी दवाइयों, इंप्लांट्स और आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों का पर्याप्त स्टॉक रखा गया है.

• ट्रामा और क्रिटिकल केयर यूनिट को विशेष रूप से अलर्ट पर रखा गया है.

• सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों को ऑन-काल उपलब्ध रहने का निर्देश दिया गया है.

सदर अस्पताल में विशेष इंतजाम

रांची के सदर अस्पताल में भी होली के दौरान विशेष तैयारियां की गई हैं. 15 बेड की सुविधा के साथ हड्डी रोग विशेषज्ञ, सर्जन और इमरजेंसी डॉक्टरों को 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज, दवा वितरण और जांच की समुचित व्यवस्था की गई है. दुर्घटना में घायलों के इलाज के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है.

• सदर अस्पताल में तीन एंबुलेंस 24 घंटे स्टैंडबाय रहेंगी.

• 108 एंबुलेंस सेवा को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.

• इमरजेंसी सेवाओं के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की गई है.

• होली के दिन घायलों की देखभाल के लिए विशेष ट्रॉमा यूनिट तैयार की गई है.

त्योहार पर क्यों बढ़ जाती हैं इमरजेंसी सेवाओं की जरूरत?

हर साल होली के मौके पर अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से लोगों को इमरजेंसी सेवाओं की जरूरत पड़ती है:

• रंगों से एलर्जी और त्वचा संक्रमण – केमिकल युक्त रंगों के कारण कई लोगों को एलर्जी हो जाती है.

• आंखों में जलन और संक्रमण – नकली रंगों में मौजूद केमिकल आंखों में जाने से जलन और संक्रमण हो सकता है.

• सड़क दुर्घटनाएं – त्योहार के दौरान शराब और नशे के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है.

• भांग और अन्य नशे के कारण स्वास्थ्य समस्याएं – कई लोग अधिक मात्रा में भांग और अन्य नशे का सेवन कर लेते हैं, जिससे वे बेहोशी, उल्टी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाते हैं.

• खाने में मिलावट से फूड पॉइजनिंग – मिलावटी मिठाइयां और अन्य खाद्य पदार्थ खाने से पेट खराब होने की शिकायतें बढ़ जाती हैं.

पिछले साल होली पर 43 मरीजों को मिला था इलाज

रांची सदर अस्पताल में पिछले साल होली के मौके पर 43 मरीजों का इलाज किया गया था. इनमें से अधिकांश मरीज दुर्घटनाओं, रंगों की एलर्जी और नशे के कारण स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे. इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल अस्पताल प्रशासन ने पहले से ही व्यापक तैयारी कर ली है.

इमरजेंसी सेवाओं के लिए विशेष टीम तैनात

• होली के दौरान रांची के सभी प्रमुख अस्पतालों में डॉक्टरों की विशेष टीम तैनात रहेगी.

• ट्रॉमा यूनिट में हड्डी रोग विशेषज्ञ, सर्जन और हार्ट स्पेशलिस्ट मौजूद रहेंगे.

• चर्म रोग विशेषज्ञ और नेत्र रोग विशेषज्ञ भी अलर्ट पर रहेंगे, ताकि रंगों से होने वाले नुकसान का तुरंत इलाज किया जा सके.

• इमरजेंसी वार्ड में तीनों शिफ्ट में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है.

• होली से पहले दवाइयों और मेडिकल स्टॉक का ऑर्डर किया गया.

• रांची के अस्पतालों में होली से पहले ही सभी जरूरी दवाओं और मेडिकल सामान का ऑर्डर दे दिया गया है.

• जल्द ही आवश्यक दवाइयां जैसे आयोडीन, बैंडेज, जलने की क्रीम और अन्य आपातकालीन दवाएं अस्पतालों में पहुंच जाएंगी.

• रिम्स और सदर अस्पताल में ब्लड बैंक को भी स्टैंडबाय मोड में रखा गया है.

मरीजों के लिए सलाह

• अगर किसी मरीज को होली के दौरान आपातकालीन चिकित्सा सेवा की जरूरत हो, तो वे सीधे रिम्स या सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में आ सकते हैं.

• छोटी मोटी चोटों या एलर्जी के मामलों में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र का रुख करें.

• गंभीर हालत में तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा से संपर्क करें.

• होली के दौरान रंगों और खाने-पीने को लेकर सतर्क रहें, ताकि अस्पताल जाने की नौबत ही न आए.

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