डीपीएस बोकारो के रूपेश के ‘रक्षक’ प्रोजेक्ट को भारत सरकार ने दिया पेटेंट

बोकारो। डीपीएस बोकारो के पूर्व छात्र रूपेश कुमार के नवाचार ‘रक्षक’ प्रोजेक्ट को भारत सरकार द्वारा पेटेंट प्रदान किया गया है। यह प्रोजेक्ट सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान (नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन) ने इस प्रोजेक्ट को ‘इंस्पायर मानक अवार्ड स्कीम’ के तहत मान्यता दी है। रूपेश द्वारा विकसित इस डिवाइस और मोबाइल एप्लीकेशन की सहायता से दुर्घटना होते ही एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद सभी अस्पतालों को वाहन के लोकेशन के साथ सूचना मिल जाएगी। इससे एंबुलेंस को समय पर घटनास्थल पर भेजा जा सकेगा। इसके अलावा, वाहन में सवार यात्रियों के परिजनों और पुलिस को भी तत्काल सूचना भेजी जाएगी।

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प्राचार्य ने दी शुभकामनाएं

डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने इस उपलब्धि पर रूपेश को बधाई देते हुए कहा कि विद्यालय अपने विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि रूपेश का यह नवाचार सड़क-सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।

जून 2025 में जापान टूर का मौका

भारत सरकार की इंस्पायर मानक अवार्ड योजना के तहत रूपेश को जून 2025 में जापान टूर का अवसर मिलेगा। यदि वह इस योजना के अंतिम चरण में चयनित होता है, तो उसे लगभग आठ लाख रुपये की पुरस्कार राशि और राष्ट्रपति भवन में चार दिनों तक आतिथ्य का अवसर भी मिलेगा।

सड़क हादसे की एक घटना ने दी प्रेरणा

रूपेश ने बताया कि उसके पिता के एक पूर्व सैनिक मित्र की सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। यदि समय पर एंबुलेंस पहुंच जाती, तो उनकी जान बच सकती थी। इसी घटना से प्रेरित होकर उन्होंने एक ऐसा डिवाइस बनाने का निर्णय लिया जो सड़क हादसों के बाद तत्काल सहायता प्रदान कर सके।

कैसे काम करता है ‘रक्षक’ डिवाइस

इस डिवाइस में माइक्रोकंट्रोलर यूनिट (एमसीयू), सेंसर, जीपीएस, सिम कार्ड, एक्सीलरेशन डिटेक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग किया गया है। यह डिवाइस वाहन की गति और झटके के दबाव का पता लगाकर एमसीयू को संकेत भेजता है, जिससे संबंधित अस्पतालों, परिजनों और पुलिस को सूचना मिलती है।

झारखंड से दो छात्रों को मिला पेटेंट

रूपेश के अलावा झारखंड से धनबाद के तुहीन भट्टाचार्जी को भी उनके वैज्ञानिक नवाचार के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ है। तुहीन ने कोयला चोरी रोकने के लिए एक परिवहन प्रणाली विकसित की है। रूपेश ने डीपीएस बोकारो का प्रतिनिधित्व 108वीं इंडियन साइंस कांग्रेस में भी किया था और पूरे राज्य का मान बढ़ाया। वह आगे चलकर एक सफल कंप्यूटर इंजीनियर बनने की इच्छा रखता है। इस उपलब्धि पर डीपीएस बोकारो परिवार में हर्ष का माहौल है और सभी ने रूपेश को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।

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