मंईयां सम्मान योजना: सत्यापन प्रक्रिया में देरी से लाभुकों को नहीं मिल रही राशि

रांची: झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (एएमएमएसवाई) के तहत लाभुकों को मिलने वाली राशि का भुगतान फरवरी माह की तय तिथि तक नहीं हो सका है। योजना के तहत लाभुकों को अब तक दिसंबर तक की राशि दी गई है, जबकि जनवरी और फरवरी महीने की राशि बकाया है। हालांकि, राज्य सरकार ने मार्च तक की राशि जिलों को आवंटित कर दी है, लेकिन लाभुकों के आवेदन के सत्यापन में देरी के कारण भुगतान में बाधा उत्पन्न हो रही है।

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40 लाख लाभुकों के खाते आधार से जुड़े, 20 लाख अब भी बाकी

जानकारी के अनुसार, अब तक 40 लाख लाभुकों के बैंक खाते उनके आधार से जोड़े जा चुके हैं। इनमें से 37 लाख लाभुकों के खाते पहले ही आधार से लिंक थे, जबकि जनवरी से अब तक तीन लाख और लाभुकों के खाते आधार से जोड़े गए हैं। इसके बावजूद, अभी भी लगभग 20 लाख लाभुक ऐसे हैं जिनके बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हो पाए हैं। यदि केवल आधार से जुड़े लाभुकों को ही राशि ट्रांसफर की जाती है, तो बड़ी संख्या में लाभुक सम्मान राशि से वंचित रह सकते हैं।

फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे

झारखंड के विभिन्न जिलों में योजना के तहत लगातार फर्जीवाड़े के मामले उजागर हो रहे हैं। कई लाभुक ऐसे हैं जो पहले से ही अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। कुछ मामलों में एक ही लाभुक ने विभिन्न जिलों में आवेदन किया है, तो कुछ मामलों में सरकारी कर्मियों के परिजनों और पेंशनधारियों ने भी इस योजना का लाभ उठाया है। बैंक खातों को आधार से लिंक न करने के कारण यह गड़बड़ी संभव हो पाई है।

सत्यापन प्रक्रिया में हो रही देरी

समाज कल्याण विभाग ने जनवरी माह में ही लाभुकों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था, लेकिन जिलों ने अभी तक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है। हालांकि, विभाग द्वारा जिलों को कई बार रिमाइंडर भेजे गए हैं। अब तक की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, सत्यापन प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

जिलों में मिल रही गड़बड़ियां

रामगढ़: 1050 लाभुक दूसरे लाभुक की सम्मान राशि प्राप्त कर रहे थे, जबकि 2750 लोगों ने दो अलग-अलग बैंक खातों का उपयोग कर आवेदन दिया। कुछ मामलों में मृत महिलाओं के खातों में भी राशि ट्रांसफर कर दी गई।

पलामू: 584 अयोग्य लोगों ने योजना का लाभ लिया। सरकारी नौकरी करने वाले लोगों के परिवार के सदस्य भी योजना के लाभार्थियों में शामिल पाए गए।

लातेहार: सत्यापन में 312 अयोग्य लाभुक पकड़े गए, जिनमें सरकारी कर्मियों, पारा शिक्षकों, और सहायिका-सेविका के नाम भी शामिल हैं।

हजारीबाग: एक महिला लाभुक की जगह एक पुरुष को योजना का लाभ मिल रहा था। जिले में 9471 फर्जी आवेदन पकड़े गए।

गढ़वा: 89 अपात्र लाभुकों को योजना का लाभ मिल रहा था। एक ही बैंक खाते में 43 लाभुकों की राशि ट्रांसफर की जा रही थी।

बोकारो: बंगाल निवासी यूसुफ ने एक ही बैंक खाता देकर 95 बार आवेदन किया। जिले में 11 हजार से अधिक डुप्लिकेट आवेदन पकड़े गए, जिनमें राशन कार्ड नंबर भी फर्जी पाया गया।

लाभुकों को एकमुश्त राशि मिलने की संभावना

समाज कल्याण विभाग की योजना है कि लाभुकों को उनकी बकाया राशि एकमुश्त दी जाए। यदि सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो लाभुकों को जनवरी, फरवरी और मार्च की कुल 7500 रुपये की राशि एक साथ दी जा सकती है।

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को उनकी सम्मान राशि जल्द से जल्द मिले, इसके लिए समाज कल्याण विभाग सत्यापन प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की कोशिश कर रहा है। फर्जीवाड़े को रोकने और अपात्र लाभुकों को योजना से बाहर करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि सही लाभुकों को उनका हक जल्द मिले और योजना को पारदर्शी तरीके से लागू किया जाए।

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