जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा का रिजल्ट जारी करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक…..

मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) परीक्षा 2023 के पेपर लीक मामले की सुनवाई हुई. इस मामले में अदालत ने परीक्षा परिणाम घोषित करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि जब तक कोर्ट का निर्देश नहीं आता, तब तक परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा. यह मामला एक जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से अदालत में लाया गया था, जिसे राजेश कुमार ने दायर किया. याचिका में सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह इस मामले में परीक्षा संचालन अधिनियम 2023 के तहत पुलिस में एफआईआर दर्ज करे और जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे. अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि जांच की पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष हो और जल्द से जल्द पूरी की जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है.

परीक्षार्थियों के डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन पर रोक

जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा 2023 के परिणाम पहले ही घोषित किए जा चुके हैं, जिसमें कुल 2,231 उम्मीदवार सफल हुए थे. सफल उम्मीदवारों का 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन किया जाना था. 16 दिसंबर को कुछ उम्मीदवारों का डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन पूरा कर लिया गया था. आज यानी 17 दिसंबर को भी यह प्रक्रिया जारी रहने वाली थी। लेकिन अदालत के आदेश के बाद यह रोक दी गई. डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के रुकने से सफल उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया में देरी हो सकती है. इससे कई उम्मीदवारों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

पेपर लीक मामले पर विवाद

जेएसएससी सीजीएल परीक्षा 2023 को लेकर पेपर लीक के आरोपों ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले की गहराई से जांच जरूरी है क्योंकि यह न केवल परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, बल्कि हजारों उम्मीदवारों के भविष्य को भी प्रभावित करता है. इस मामले में झारखंड सरकार की ओर से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कीं. वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने बहस की. अदालत ने इस पर सुनवाई के बाद रिजल्ट पर रोक लगाते हुए मामले की गहन जांच के आदेश दिए.

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