झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा के कथित पेपर लीक मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में आज मंगलवार को सुनवाई होगी. यह मामला चीफ जस्टिस एमएस रामाचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में सूचीबद्ध है. याचिकाकर्ता प्रकाश कुमार और अन्य ने परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने और मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि झारखंड सीजीएल परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई है, जिससे हजारों छात्रों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है. याचिका में यह भी उल्लेख है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच केवल एक केंद्रीय एजेंसी ही कर सकती है.
परीक्षा रद्द करने की मांग
प्रकाश कुमार और अन्य याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अपील की है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड सीजीएल परीक्षा को रद्द किया जाए और पेपर लीक की जांच सीबीआई को सौंपी जाए. यह मामला सितंबर 2024 में आयोजित सीजीएल परीक्षा से जुड़ा है, जिसे झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने पूरे राज्य में कराया था. परीक्षा समाप्त होने के बाद ही छात्रों ने इसे कटघरे में खड़ा कर दिया था. उन्होंने दावा किया था कि परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र लीक हो गए थे, जिससे यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही. इसी को लेकर छात्रों ने पहले आयोग से शिकायत की और बाद में हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन जारी, छात्रों का प्रदर्शन
जहां एक ओर हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है, वहीं दूसरी ओर सोमवार से सीजीएल परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी शुरू हो चुका है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया के बीच छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. सोमवार को कई छात्र सड़कों पर उतरे और परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पेपर लीक के आरोपों की जांच पूरी होने तक परीक्षा प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए. प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें झारखंड लोक कल्याण मंच (जेएलकेएम) के नेता देवेंद्रनाथ महतो सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में टकराव
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने छात्रों की मांगों को अनसुना करते हुए बलपूर्वक प्रदर्शन को खत्म किया. छात्रों का कहना है कि परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आयोग को इसे रद्द करना चाहिए. वहीं, पुलिस प्रशासन का कहना है कि प्रदर्शन के कारण सरकारी कार्यों में बाधा आ रही थी, जिसके चलते उन्हें सख्त कदम उठाने पड़े.
छात्रों की परीक्षा रद्द करने की मांग जारी
झारखंड में सीजीएल परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को आयोजित हुई थी. परीक्षा के तुरंत बाद कई छात्रों ने इस पर सवाल उठाते हुए पेपर लीक का आरोप लगाया था. छात्रों का कहना है कि प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो गए थे, जिससे कई उम्मीदवारों को अनुचित लाभ मिला. छात्रों ने आयोग से परीक्षा रद्द करने की अपील की थी, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. छात्रों का यह भी आरोप है कि परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, जिससे गड़बड़ी की संभावनाएं बढ़ गईं.
हाईकोर्ट का फैसला अहम
पेपर लीक के आरोपों पर झारखंड हाईकोर्ट का फैसला बेहद महत्वपूर्ण होगा. यह मामला न केवल छात्रों के भविष्य से जुड़ा है, बल्कि आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है. छात्रों को उम्मीद है कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा और यदि पेपर लीक के आरोप सही साबित होते हैं, तो परीक्षा को रद्द कर नई परीक्षा आयोजित की जाएगी.