दिल्ली के CM केजरीवाल से मिले सरयू राय, अटकलों का दौर शुरू..

कहते हैं राजनीति संभावनाओं का खेल है। कब कौन सा मोहरा किस करवट बैठे और बाजी पलट जाए। कोई नहीं कह सकता। पिछले 48 घंटे से झारखंड की राजनीति भी उफान पर है। UP सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के तत्काल बाद सरयू ने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के साथ मिलकर नया राजनीतिक मोर्चा बनाने की घोषणा की। इसमें फिलहाल 5 विधायक शामिल हैं। अब नए मोर्चे के गठन के ठीक दो दिन बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ सरयू की मुलाकात हुई है। सरयू राय ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर बताया है की दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से मुलाकात हुई। दरअसल रोड शो को लेकर अमृतसर जा रहे अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया से उनकी भेंट हवाई अड्डे पर हो गयी। इस दौरान कई मुद्दों पर उनकी बातचीत हुई। इस क्रम में अरविंद केजरीवाल ने उन्हें आमंत्रित किया है। सरयू राय ने इसे अचानक हुई मुलाकात बताया लेकिन राजनीति के गलियारे में इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।

गौरतलब है की केजरीवाल ने जिस प्रकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर अपनी छवि बनाई है, वैसी ही छवि सरयू राय की भी है। सरयू राय विभिन्न मुद्दों पर लगातार सरकार को घेरते रहे हैं। चारा घोटाले के उदभेदन करने वाले सरयू राय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भ्रष्टाचार के कारनामे भी उजागर किए। इसके बाद रघुवर दास सरकार के मंत्रिमंडल में रहते हुए भी वह लगातार अपनी सरकार की कई नीतियों के खिलाफ मुखर रहे। पिछले विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट के लिए भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने सबको चौंकाते हुए न सिर्फ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, बल्कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनकी परंपरागत जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव हराने में कामयाबी हासिल की। दास यहां से वर्ष 1995 से लगातार चुनाव जीत रहे थे और इस सीट को उनका अभेद्य किला माना जाता था। इसके बावजूद सरयू ने अपनी जीत का परचम लहरा दिया।

सरयू राय के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संग करीबी रिश्ते हैं। अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी उनके मधुर संबंध है। यही वजह है कि जब उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास के खिलाफ ताल ठोकी तो तमाम राजनीतिक दलों ने भी उन्हें प्रत्यक्ष और परोक्ष समर्थन दिया। सरयू राय की हालिया बायोग्राफी में भी इसका जिक्र है कि कैसे लालू प्रसाद से लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन समेत अन्य नेताओं ने उनका सहयोग किया।

रघुवर दास की आगे की राह भी करेंगे मुश्किल..
सरयू राय का झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की आगे की राह मुश्किल कर सकता है। जून में होने वाले राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए रघुवर दास उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन उन्हें प्रथम वरीयता का आवश्यक वोट हासिल करने में परेशानी हो सकती है। इससे पहले हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को आजसू के दो और निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव का भी समर्थन मिला था। रघुवर अगर प्रत्याशी बनेंगे तो यह वोट पाना मुश्किल होगा। सरयू राय के साथ-साथ सुदेश महतो और अमित यादव भी रघुवर दास को पसंद नहीं करते। इसकी वजह यह है कि रघुवर दास के कारण ही पिछले विधानसभा चुनाव में आजसू का भाजपा के साथ चुनावी तालमेल नहीं हुआ था। इसके अलावा कहा जाता है कि रघुवर दास ने अपने करीबी को टिकट देने के चक्कर में अमित कुमार यादव का टिकट कटवा दिया था।

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