बोकारो के तनय प्रताप ने नई डिजिटल शिक्षा व्यवस्था को लेकर स्टार्टअप की शुरुआत की है। तनय प्रताप ने बीते चार माह पूर्व ट्वीटर इंडिया के पूर्व भारत प्रमुख मनीष माहेश्वरी के साथ मिलकर कंपनी बनाया और आज वह कंपनी मात्र चार माह में 250 करोड़ की कंपनी बन गई है। दरअसल माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व सीनियर इंजीनियर बोकारो निवासी तनय प्रताप ट्विटर इंडिया के पूर्व प्रमुख मनीष माहेश्वरी के साथ वर्चुअल लर्निंग के क्षेत्र में नयी क्रांति की तैयारी में हैं। इनका संयुक्त स्टार्टअप ‘इनवैक्ट मेटावर्सिटी’ दुनिया का पहला थ्रीडी इमर्सिव वर्चुअल लर्निंग प्लेटफॉर्म है। यह दुनिया के किसी भी कोने में मौजूद विद्यार्थियों को शिक्षकों के साथ संवाद की सुविधा देता है।
‘इनवैक्ट मेटावर्सिटी’ में 70 से अधिक वैश्विक उद्यमियों ने 250 करोड़ का निवेश किया है। इनमें माइक्रोसॉफ्ट, मेटा (फेसबुक और व्हाट्सएप), ट्विटर, उबर, अमेजन, डिज्नी, वर्ल्ड बैंक, सॉफ्ट बैंक, कतर फाउंडेशन, मैकिन्से, गोजेक, नोशन सहित करीब 70 से अधिक कंपनियों व कॉरपोरेट यूनिकॉर्न के दिग्गज शामिल हैं।
बता दे कि कंपनी का मुख्यालय अमेरिका के सनफ्रांसिको और भारत के बेंगलुरु में है। तनय प्रताप का जन्म झारखंड के बोकारो में हुआ है। इनकी 12 वीं तक की शिक्षा भी यही हुई है। तनय ने बताया कि कि इनवेक्ट मेटावर्स शिक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक अत्याधुनिक स्टार्ट-अप है। यही वजह है कि प्रमुख कारपोरेट घराने और कंपनिया इसके बेंचर को सपोर्ट कर रहीं हैं। तनय का कहना है कि शिक्षा के वर्तमान मार्केट मूल्य से काफी कम कीमत और समय में हर विद्यार्थी को उसके घर में ही बैठाकर विश्व के अन्य बच्चों के साथ क्लास रूम में होने का वास्तविक एहसास के साथ वल्र्ड क्लास एजुकेशन देंगे। इससे उनके पिता सहित पूरा परिवार तो टेंशन मुक्त होगा। उनका कहना है कि कंपनी का उद्देश्य हर किसी के लिए क्षमता के अनुरूप शिक्षा उपलब्ध कराना है ताकि हर व्यक्ति शिक्षा को उसी कीमत पर प्राप्त कर सके जितना खर्च वह आसानी से वहन कर सकता हो।