रांची: साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मामले की न्यायिक जांच रिपोर्ट शनिवार को एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने दिल्ली में झारखंड सरकार के स्थानीय आयुक्त मस्त राम मीणा को सौंप दी है। झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस बीके गुप्ता इसकी जांच कर रहे थे। मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस बीके गुप्ता ने आज रिपोर्ट सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि झारखंड सरकार ने इस आयोग का गठन 8 जून 2021 को किया था। इसकी आयोग की कुल चार बैठक हुई। इस दौरान कई लोग उपस्थित हुए। इसके बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस बीके गुप्ता ने यह भी कहा कि कई बार पत्राचार के बावजूद रूपा तिर्की के परिवार के लोग आयोग के समक्ष अपनी बात रखने के लिए उपस्थित नहीं हुए। इसलिए आयोग की जांच रिपोर्ट में उनका पक्ष शामिल नहीं है। मालूम हो कि न्यायिक जांच आयोग की इस रिपोर्ट को अब झारखंड सरकार चाहे तो सार्वजनिक भी कर सकती है। यह भी संभव है कि आने वाले विधानसभा सत्र में सरकार इसे पेश करे। वैसे इतना तो तय है कि विपक्षी पार्टियां अब इसे सार्वजनिक करने की मांग उठा सकती हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर चल रही सीबीआइ जांच..
रूपा तिर्की की खुदकुशी रहस्य बन गई है। विपक्षी दलों के भारी विरोध के कारण सरकार ने न्यायिक जांच आयोग गठित कर दिया था। बावजूद रूप तिर्की के स्वजन हाई कोर्ट चले गए। हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सिपुर्द कर कर दी। सीबीआइ अभी मामले की जांच कर ही रही है। गौरतलब है की साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रहीं रूपा तिर्की ने अपने सरकारी आवास में 3 मई 2021 को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद रूपा तिर्की की मां ने बेटी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस बीच एक ऑडियो भी वायरल हो गया। इसमें रूपा तिर्की द्वारा खुदकुशी की धमकी देने की चर्चा सुनी गई। इसमें दो व्यक्तियों के बीच बातचीत हो रही है। इनमें एक रूपा तिर्की के पिता थे, दूसरा व्यक्ति रूपा तिर्की का प्रेमी था।