रिम्स में डॉक्सीसाइक्लिन व इवरमेक्टिन दवा से कोरोना मरीजों का किया जा रहा ईलाज..

रांची : झारखंड में मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक 250 से अधिक मामले सामने आये है. लगातार यहां संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है. अभी तक कुल मामला 4000 के पार हो चुका है. ऐसे में यहां के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स से एक अच्छी खबर भी आ रही है. रिम्स में भी कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु नई दवा का ट्रायल शुरू कर दिया गया है. डॉक्सीसाइक्लिन व इवरमेक्टिन नामक इन दवाओं का बांग्लादेश में सफल परीक्षण किया जा चुका है.

अब रिम्स में भी डॉक्टरों को इसे मरीजों पर इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है. जिससे बिना किसी साइड इफैक्ट के उन्हें फायदा हो रहा है. यहां के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य और मेडिसिन विभाग के एक अधिकारी ने बताया है कि बिना लक्षण वाले मरीजों को इवरमेक्टिन दवा दी जा रही है. वहीं, लक्षण वाले मरीजों को डॉक्सीसाइक्लिन दवा दी जा रही है. जिससे उन्हें काफी लाभ हो रहा है.

आपको बता दें कि आस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित रॉयल मेलबर्न हॉस्पिटल और मोनाश यूनिवर्सिटी के मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट में इवरमेक्टिन दवा पर हुए शोध में पता चला है कि यह कोरोना वायरस को महज 48 घंटे में 5000 गुना कम कर देता है और संक्रमण को आगे नहीं बढ़ने देता है.

रिम्स के एक डॉक्टर के अनुसार इन दवाओं का उपयोग आइसीएमआर की गाइडलाइन के आधार पर ही किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले संक्रमित मरीजों को हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन दी जा रही थी. लेकिन कई मरीजों में इसका साइड इफैक्ट देखने लगा. इस दवा को देने के बाद मरीजों में कार्डियक एरीदमिया के लक्षण दिखने लगे. जिसके बाद इन दवाओं को प्रयोग में लाया जा रहा है.

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