झारखंड के प्रसिद्ध शक्तिपीठ रजरप्पा मंदिर क्षेत्र के जंगल में हाथियों के झुंड के प्रवेश से दहशत का माहौल कायम हो गया है। मंगलवार की सुबह को चितरपुर से होते हुए रजरप्पा मंदिर जाने वाले मार्ग के पहले घाटी में हाथियों का झुंड देखा गया था। इसके बाद करीब दो घंटे तक रजरप्पा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के आवागमन को दोनों ओर से पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बताया गया कि चितरपुर से रजरप्पा जाने वाले मार्ग पर मंदिर के पहले घाटी में 10-12 हाथियों का झुंड सड़क पर विचरण रहा है।
रजरप्पा मंदिर के मुख्य मार्ग पर जनियामारा जंगल के समीप पिचीमोड़ स्थित रौनक लाइन होटल के आसपास अचानक हाथियों के झुंड ने एक बार फिर से यहां दस्तक दी है। पिछले 20 अक्टूबर को भी यहां एक हाथी ने दस्तक दी थी। इसमें रजरप्पा प्रोजेक्ट निवासी सुमित सिंह रजरप्पा मंदिर में अपने दुकान खोलने के लिए जाने के दौरान एक हाथी से भिड़ंत हो गई थी। इससे वह घायल हो गया था। जंगली हाथियों के झुंड के मंदिर जाने वाले रास्ते मे विचरण करते हुए कुछ लोगों के देखे जाने के बाद रजरप्पा थाना पुलिस जनियामारा पहुंचे और मां छिन्नमस्तिका मंदिर आने-जाने वाले लोगों से सावधान रहने की अपील की है। साथ ही पुलिस ने जनियामारा के आसपास रहने वाले लोगों को भी अलर्ट कर दिया है। साथ ही आसपास के लोगो को हिदायत दी जा रहे है कि हाथियों के झुंड को छेड़छाड़ न करें। इसके लिए करीब दो घंटो तक आने जाने वाले दोनों तरफ के रास्तो को लोगों का आवाजाही बंद करवाया गया।
जानकारी के अनुसार ग्रामीणों का कहना है कि जंगली हाथियों का झुंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भुचुंगडीह के नवनिर्मित भवन के पीछे वाले खेतों में विचरण कर रहे हैं। इधर जनियामारा के पास जंगली हाथियों का झुंड पहुंचने की सूचना से आसपास रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। पूजा-अर्चना करने जा रहे हैं स्थानीय निवासी अशोक कुमार ने बताया कि सुबह करीब छह बजे मंदिर जाने के क्रम में रास्ते में पड़ने वाले जनियामारा मोड़ के ठोकर पार करते ही एसने 10-12 की संख्या में जंगली हाथियों के झुंड जंगल से निकलते देखा। उस वक्त स्थानीय पुजारी गुड्डू पंडा, संजीत पंडा सहित ननकू अग्रवाल मंदिर की ओर जा रहे थे , सभी को सूचना देते हुए कहा कि आगे ना जाएं। क्योंकि हाथियों का झुंड रास्ते में ही खड़े हैं। कुछ देर रुकने के बाद हमने देखा कि हाथियों का झुंड धीरे धीरे मंदिर के झोरवागाढ़ा की ओर रवाना हो गया जो रजरप्पा के काली मंदिर के बगल में पड़ती है। हालांकि घने जंगली क्षेत्र में हाथियों के झुंड के घुस जाने के बाद सड़क पर सुबह आठ बजे के बाद आवागमन को चालू कराया गया।