झारखंड सरकार ने छोटे किसानों के 50 हजार रुपये तक के लोन माफ करने का निर्णय लिया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है। इस मद में सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। बुधवार की शाम हुई कैबिनेट की बैठक में 63 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। झारखंड के 9.07 लाख किसानों ने 5800 करोड़ का ऋण ले रखा है। इसमें 2000 करोड़ के ऋण माफ होंगे। मुख्यमंत्री पशुधन योजना के लिए 355 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें मार्च 2020 तक के कर्जदारों को रखा गया है।
ऋण माफी की यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसमें कोई पदाधिकारी शामिल नहीं होगा। खास बात यह है कि एनपीए खाताधारी किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। अगर उन्हें यह लाभ लेना है, तो उन्हें अपने खाते को स्टैंडर्ड (दोबारा लेन-देन शुरू) कराना होगा। सरकार का कहना है कि वह चाहती है कि ऋण माफी योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले। इसके लिए राज्य के करीब 12.93 लाख किसानों को चिह्नित किया गया है। इनमें से करीब नौ लाख अकाउंट स्टैंडर्ड (जिसमें लगातार लेन-देन हो रहा है) पाये गये हैं। यही खाताधारी किसान फिलहाल कृषि ऋण पाने के हकदार होंगे।
करीब पौने चार लाख किसानों के बैंक खाते एनपीए घोषित हो गये हैं। इन लोगों ने लगातार तीन माह या उससे अधिक समय तक ऋण वापसी की किस्त जमा नहीं की है। योजना में किये गये प्रावधान के अनुसार, अगर ये किसान अपने खाते को स्टैंडर्ड करा लेते हैं, तो वे इस स्कीम का लाभ लेने के हकदार हो जायेंगे। इधर, बैंकों ने पाया कि करीब 78,651 खातों को राइट ऑफ (खाता बंद) कर दिया गया है। इस पर सरकार विचार नहीं कर रही है।
ऐसे स्टैंडर्ड करा सकते हैं अकाउंट..
जिन किसानों ने ऋण वापसी के तीन इंस्टॉलमेंट नहीं दिये हैं, उनके खातों को बैंकों ने एनपीए कर दिया है। ऐसे किसान बैंकों से बात करके ऋण वापसी की बकाया किस्त चुकाकर अपने खातों को दोबारा चालू करा सकते हैं। इसके बाद किसान ऋण माफी स्कीम का लाभ ले सकेंगे।