झारखंड में 32 साल बाद कृषि सेवा में एक साथ 129 पदाधिकारियों की हुई नियुक्ति..

राज्य में सरकार गठन के बाद से ही यहां के किसानों को समृद्ध बनाना सरकार की प्राथमिकता रही है। झारखंड की मिट्टी में ऐसी ताकत है जो हर तरीके के फसल को उगा सकती है। राज्य में कृषि के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। झारखंड में जमीन के अंदर जितनी क्षमता है उससे कहीं अधिक क्षमता जमीन के ऊपर भी है। राज्य गठन के बाद कृषि के क्षेत्र में जो कार्य होनी चाहिए थी, वो नही हो पायी। आज किसान सरकार भरोसे नहीं बल्कि भगवान भरोसे हैं। अगर किसानों को भगवान भरोसे ही रहना है तब कृषि विभाग का क्या मतलब है? पिछली सरकारों की उदासीन रवैया के कारण आज प्रदेश कृषि क्षेत्र काफी पीछे रह गया हैं। हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हम संसाधनों की आंतरिक क्षमता को मजबूत कर राज्य को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। सिर्फ कृषि ही नहीं बल्कि सभी विभागों में नियुक्ति प्रक्रियाओं में तेज गति से कार्य किया जा रहा है। नियुक्तियां पारदर्शी और शुचिता पूर्ण तरीके से संपन्न की जा रही हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बुधवार को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित पदाधिकारियों का नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सभी नवनियुक्त कृषि सेवा के पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई तथा उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि आप सभी नवनियुक्त पदाधिकारी अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन निष्ठा और ईमानदारी पूर्वक करेंगे। आप यहां के किसानों की समृद्धि और उन्नति के लिए समर्पित रहेंगे ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है।

नियुक्तियों की लंबी फेहरिस्त तैयार की गई है..
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की बाधाओं के बावजूद राज्य सरकार ने नियुक्तियों की लंबी फेहरिस्त तैयार करने का काम किया है। सभी बाधाओं को दूर कर नियमावलियों को दुरुस्त किया गया है। चरणबद्ध तरीके से सभी विभागों में रिक्तियों को भरने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सभागार में उपस्थित सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों से कहा कि की आपकी सोच और मेहनत राज्य को नयी दिशा देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के किसान तकनीकी रूप से पीछे हैं। हमें नए सिरे से पूरी व्यवस्था को रिस्ट्रक्चर कर आगे बढ़ना है। कृषि विभाग का दायरा बहुत बड़ा है। कृषि विभाग अत्यंत महत्वपूर्ण विभागों में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसान बंधुओं और सरकार के बीच के एक महत्वपूर्ण कड़ी आप सभी नवनियुक्त पदाधिकारी हैं। आपके माध्यम से सरकार और किसानों के बीच एक जुड़ाव बना रहता है।

वैश्विक महामारी के समय कृषि क्षेत्र ने ही मानव जीवन की रक्षा की..
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के समय जब सभी प्रतिष्ठानें, संस्थान, रोजगार के साधन बंद पड़े थे उस समय कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र था जिसने मानव जीवन की रक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा हो, बागवानी हो या खेती-बाड़ी के अन्य स्रोत, इसी क्षेत्र में लोगों को रोजगार मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश में ऐसा भी दौर रहा है जब किसानों ने आत्महत्याएं की है। तकनीकी रूप से विकसित कई राज्यों में सबसे अधिक किसानों ने आत्महत्याएं की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव भले ही कितना भी भौतिकवादी क्यों न हो जाए लेकिन कृषि का कोई अन्य विकल्प नहीं है। मनुष्य न सोना, चांदी, हीरा, मोती, न ही रुपया-पैसा खा सकता है। मनुष्य जीवन में खाने के लिए दो वक्त की रोटी, सर छुपाने के लिए घर और तन ढकने के लिए कपड़ा, यही चीजें नितांत आवश्यक हैं। हमें कृषि और किसान दोनों की उन्नति के लिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर मजबूती के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

खनिज संपदा ही नहीं बल्कि कृषि संपदा के रुप में झारखंड को विकसित करेंगे..
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में झारखंड को सिर्फ और सिर्फ खनिज संपदाओं के नाम से ही जाना गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार का प्रयास है कि झारखंड सिर्फ खनिज संपदा ही नहीं बल्कि कृषि संपदा के रूप में विकसित हो। मुख्यमंत्री ने कृषि सेवा क्षेत्र के नवनियुक्त पदाधिकारियों से कहा कि कृषि के क्षेत्र में राज्य को नहीं पहचान मिले इस निमित्त आप समर्पित भाव से काम करें। राज्य के समस्त किसानों तक हमें खुद चल कर जाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी पृष्ठभूमि भी खेती-बाड़ी से ही है। किसानों की समस्याओं को मैंने काफी करीब से देखा है। हमारा और आपका प्रयास यहां के किसानों को एक नया आयाम दे सकता है। प्रकृति ने झारखंड की मिट्टी में संभावनाएं, क्षमता और नवसृजन की शक्ति नवाजी है।

संबोधन की शुरुआत “जोहार” से करें..
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने नवनियुक्त कृषि पदाधिकारियों से कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल क्षेत्र है। यहां के लोगों के रगों में आत्मीयता और संवेदना भरी रहती हैं। आप सभी पदाधिकारी जब भी क्षेत्र भ्रमण करें यहां के किसान भाईयों तथा अन्य लोगों को भी “जोहार” कह कर संबोधित करें।

32 वर्ष बाद कृषि सेवा क्षेत्र में एक साथ 129 पदाधिकारियों की हुई नियुक्ति..
इस अवसर पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 32 वर्षों बाद आज एक मंच से राज्य सरकार ने एक साथ झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित कृषि सेवा वर्ग 2 मूल कोटि पद पर चयनित हुए 129 पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नियुक्ति पत्र का वितरण किया जाना राज्य सरकार की सकारात्मक सोच को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी सहित अन्य संस्थानों से कृषि ग्रेजुएट छात्रों को विजन की कमी के कारण प्लेटफार्म नहीं मिल सका था। पहले से कृषि ग्रेजुएट हुए कई छात्रों का तो उम्र भी पार कर गया लेकिन नियुक्तियां नहीं मिली। मंत्री श्री बादल ने कहा कि कोविड-19 जैसी विषम परिस्थितियों में भी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सकारात्मक सोच को हम लोगों ने धरातल पर उतारने का काम किया है। उन्होंने नवनियुक्त कृषि सेवा के पदाधिकारियों से कहा कि राज्य के 58 लाख बिरसा किसानों की समृद्धि और उन्नति के लिए आपको प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में आपके कंधों पर कृषि एवं कृषकों के कल्याण के लिए बड़ी जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि कई बाधाओं के बीच हमारी सरकार निरंतर आगे बढ़ने का कार्य कर रही है। कृषि सहित विभिन्न सेक्टरों में सरकार सकारात्मक सोच के साथ राज्य को नई दिशा देने का कार्य कर रही है। मंत्री श्री बादल ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में जितना केसीसी लोन हुआ था, उतना तो हमारी सरकार ने 2 वर्षों में कर दिखाया है। किसानों के अंदर हमने साहस भरने का काम किया है। पहले लोग बड़ी-बड़ी बातें करते थे, हम छोटी-छोटी बातें करते हैं। छोटे-छोटे बदलावों के साथ बड़ी मंजिलों को हासिल करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिन प्रतिदिन कृषि विभाग नित्य नए आयामों गढ़ रहा है।

सरकार की वादों को धरातल पर उतारें..
इस अवसर पर खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने कृषि सेवा क्षेत्र के 129 नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि झारखंड कृषि आधारित प्रदेश है। यहां की जनता प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की नेतृत्व वाली सरकार की सोच को धरातल पर उतारने का काम आप सभी पदाधिकारी प्रतिबद्धता के साथ करें। वर्तमान सरकार की वादों को आप जमीनी स्तर पर उतारने का हर संभव प्रयास करें।

अब झारखंड विकास की पटरी पर दौड़ रहा है..
इस अवसर पर जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की नेतृत्व वाली सरकार का सपना है कि झारखंड विकास की पटरी पर दौड़े। 32 वर्षों के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कृषि सेवा के पदाधिकारियों को आज नियुक्ति पत्र मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश का 60% रिसोर्स हमारे राज्य में है। कोयला, पत्थर, बालू, लोहा सहित कई रिसोर्स हमारे राज्य में है। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ही एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो सभी सेक्टरों को सुदृढ़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा करने का बीड़ा मुख्यमंत्री ने उठाया है। सभी विभागों में बड़ी संख्या में बहाली की तैयारी चल रही है। कोविड-19 के कारण नियुक्तियों की गति कम हुई परंतु अब तेज गति से नियुक्तियां की जा रही हैं। राज्य में हो रहे विकास कार्यों में हम मुख्यमंत्री के साथ हैं और हमेशा साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में अब राज्य विकास की पटरी पर दौड़ रहा है। उन्होंने सभी नवनियुक्त कृषि सेवा के पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। मौके पर कृषि सचिव श्री अबू बकर सिद्दीकी ने स्वागत संबोधन एवं कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस अवसर पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, खिजरी विधायक राजेश कच्छप, जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी, कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक सुभाष सिंह, सभी नवनियुक्त कृषि सेवा के पदाधिकारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।