राज्य में मनरेगा योजना को और बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने योजना बनायी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद (SEGC) की बैठक में इस पर फैसला लिया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एसईजीसी की समीक्षा बैठक हर साल निर्धारित समय पर आयोजित होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत रोजगार सृजन के लिए जो योजनाएं चलायी जा रही है इससे लाभुकों के जीवन स्तर पर क्या बदलाव हो रहा है, इसका आकलन किया जाए।
इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये बैठक में कई बिंदुओं को सुनिश्चित किया गया। इसमें सबसे मुख्य, मनरेगा के लिए 11 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य बनाया गया है।
आय़ में बढ़ोत्तरी का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत लोगों की आय में वृद्धि पर विशेष नजर रखनी होगी। इसके अंतर्गत खेतों में मेढ़बंदी के कामों को मिशन मोड में चलाया जाये। वर्तमान समय में सिंचाई के लिए जलस्रोत बेहद महत्वपूर्ण है। मेढ़बंदी होने से खेत एवं टांड़ में कृषि के लिए जल स्तर के ठहराव में मदद मिलेगी। ग्रामीण स्तर पर माइक्रो नर्सरी खुलने से कृषि से जुड़े लोगों को फायदा मिलेगा। खास तौर पर वैसे किसान जो सालों भर सब्जी, फल इत्यादि की खेती करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कंपोस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त करने की भी जरूरत है।
सिंगल विंडो सिस्टम महत्वपूर्ण
मनरेगा योजनाओं के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री ने सिंगल विंडो सिस्टम बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे लाभुकों के समय की बचत होगी। इसके साथ ही समय पर अधिक से अधिक रोजगार मिल सकेगा।
2021-22 के लिये बनी विशेष योजना
बैठक में कई और अहम फैसले लिए गए। बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत 25 हजार एकड़ में बागवानी का काम शुरु किया जायेगा। नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत एक लाख हेक्टेयर टांड़ भूमि का उपचार किया जाना है। 5 लाख परिवारों को दीदी बाड़ी योजना से जोड़े जाने की योजना है। वहीं वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत 1500 अतिरिक्त खेल मैदान का निर्माण किया जाएगा।
बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास, आयुक्त केके खंडेलवाल सहित कई अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे.