रांची में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का एक संदिग्ध मरीज मिला है। यह मरीज रांची के एक निजी अस्पातल में भर्ती है। शनिवार को इस मरीज का सैंपल जिनोम सिकवैंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा गया है। इस संदिग्ध के सैंपल की जिनोम सिक्वैंसिंग कराने के लिए उपायुक्त ने निर्देश दिया है। रांची के सिविल सर्जन के अनुसार संदिग्ध मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। उपायुक्त के निर्देश पर निजी अस्पताल में भर्ती मरीज का सैंपल भुवनेश्वर भेजा गया है। इस माह रांची से कुल 28 सैंपल जिनोम सिक्वैंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा गया है। रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज ने बताया कि जबतक जिनोम सिक्वेंसिंग नहीं होगी तब तक वेरिएंट के बारे में नहीं बताया जा सकता। ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर पूरे राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गयी है। चूंकि राज्य में एक भी जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन नहीं है इसी कारण सैंपल भुवनेश्वर भेजे जा रहे हैं। अगर राज्य के पास जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन होती तो वेरिएंट की पुष्टि एक सप्ताह के अंदर ही हो सकती थी।
आईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुसार राज्य में मिलने वाले कुल पॉजिटिव मरीजों में कुछ के रैंडम सैंपल को जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाता है। जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट पहले आईसीएमआर को जाती है। उसके बाद आइसीएमआर से विभाग के पास आता है, उसके बाद जांच केंद्र को रिपोर्ट भेजी जाती हैं। वर्तमान में इस पूरी प्रक्रिया में लगभग एक महीने लग जाते हैं। ऐसे में भेजे गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट आने में समय लग जाएगा।