रांची: पूर्व सीएम और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है। आज पत्रकारों से कहा कि राज्य में नयी सरकार से लोगों को उम्मीदें थीं कि वह कुछ बेहतर करेगी। पर हालात बेहद भयावह होते जा रहे हैं। खासकर कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर। जबसे राज्य में यूपीए गठबंधन की सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी है, लॉ एंड आर्डर बिगड़ता ही गया है। राज्य में उग्रवादी समानांतर सरकार चला रहे हैं। ऐसा लगता ही नहीं कि राज्य में हेमंत और पुलिस प्रशासन का राज है। सरकार माओवादियों के आगे बेबस, लाचार दिख रही। उसके सामने सरेंडर कर दिया है। चक्रधरपुर में पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला इसी का ताजा उदाहरण है।
बाबूलाल ने कहा कि पूर्व विधायक के घर से महज एक-डेढड किमी की दूरी पर ही घटनास्थल था जहां माओवादियों ने हमला किया। 4 जनवरी को शाम 5.30-6.00 के बीच हुए इस हमले के दौरान दो जवानों की गला रेतकर नृशंस हत्या कर दी। एक को जख्मी कर दिया। इसके बाद 15 घंटे तक चक्रधरपुर, सोनुआ या आसपास की कोई और पुलिस भय से घटनास्थल पर नहीं पहुंची। अपने ही पुलिस जवान साथी का शव उठाने में पुलिस की पैंट गीली हो गयी। जानकारी मिलने पर वे 5 जनवरी को चक्रधरपुर के लिए निकला। हालांकि स्थानीय प्रशासन सहयोग करने के मुड में नहीं था। यही वजह रही कि उन्हें बीच रास्ते में रोका गया। उन्होंने प्रशासन से कहा कि दिन के उजाले में उन्हें घटनास्थल तक नहीं जाने देने से देशभर में झारखंड को लेकर गलत छवि बनेगी।
बाबूलाल मरांडी ने कहा, राज्य में गुंडों, माफियाओं और उग्रवादियों की सरकार चल रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन या तो डरे हुए हैं या ऐसे लोगों से घिरे हुए। पुलिस को भी जो काम करना चाहिए उसे छोड़कर टूल की तरह इस्तेमाल हो रही है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में उसका इस्तेमाल हो रहा है।