रांची। राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को बेरोजगार युवाओं का आक्रोश फूट पड़ा। झारखंड प्रशिक्षित शिक्षक संघ के बैनर तले राज्य के विभिन्न जिलों से आए हजारों युवाओं ने रोजगार, शिक्षा और नियुक्तियों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रदर्शनकारियों का उद्देश्य विधानसभा घेराव करना था, लेकिन पुलिस ने उन्हें विधानसभा परिसर में पहुंचने से पहले ही रोक दिया और कुटे धरना स्थल की ओर मोड़ दिया।
अधूरे वादों पर गुस्से में युवा
प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना था कि झारखंड राज्य गठन से लेकर अब तक बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा रहा है। मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें थीं। सत्ता संभालने के वक्त मुख्यमंत्री ने युवाओं को रोजगार देने और लंबित नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी करने का वादा किया था। लेकिन हकीकत यह है कि अब तक नई नियुक्तियों की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
युवाओं ने कहा कि न तो लंबित नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी हो रही है और न ही प्रतियोगी परीक्षाएं समय पर आयोजित हो रही हैं। जेएसएससी और जेपीएससी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाएं बार-बार स्थगित हो रही हैं। शिक्षक भर्ती के लिए जरूरी जे-टेट परीक्षा वर्षों से लंबित है। बीएड और डीएलएड पास उम्मीदवार योग्यता रखने के बावजूद रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में खप रहे युवा
कई छात्र अपनी जीविका चलाने के लिए मामूली वेतन पर निजी स्कूलों में अस्थायी नौकरी करने को मजबूर हैं। वहीं कुछ प्रतियोगी छात्र-छात्राएं कोचिंग संस्थानों में पढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि डिग्री और योग्यता के बावजूद सरकारी नौकरी न मिलने से वे हताश हैं।
कुटे धरना स्थल पर गूंजा आक्रोश
पुलिस और प्रशासन ने विधानसभा पहुंचने से पहले ही युवाओं को रोक दिया। कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। इसके बाद आक्रोशित युवाओं का हुजूम कुटे धरना स्थल की ओर बढ़ गया, जहां से उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
धरना स्थल पर जुटे युवाओं ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर तुरंत ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उनका कहना था कि “अब झारखंड का बेरोजगार युवा चुप नहीं बैठेगा। सड़क से लेकर विधानसभा तक हर जगह हमारी आवाज गूंजेगी।”
युवाओं की मुख्य मांगें
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लंबित नियुक्तियों की प्रक्रिया तुरंत पूरी की जाए।
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सभी प्रतियोगी परीक्षाएं समयबद्ध ढंग से आयोजित हों।
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स्थानीय युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता दी जाए।
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शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर बेरोजगारी दूर की जाए।
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पुलिस-प्रशासन की चुनौती
प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने जगह-जगह बैरिकेडिंग की और सुरक्षा बलों की तैनाती की। पुलिस का कहना था कि विधानसभा की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया। हालांकि, युवाओं के आक्रोश को देखते हुए आने वाले दिनों में और बड़े प्रदर्शन की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।