झारखंड के जमशेदपुर में एक बड़ा विमान हादसा 20 अगस्त को हुआ था, जब सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद एक ट्रेनिंग विमान चांडिल डैम में क्रैश हो गया. इस हादसे के बाद विमान का मलबा छह दिन तक गायब रहा, लेकिन अंततः 26 अगस्त को भारतीय नौसेना की अथक कोशिशों के बाद इसे डैम से बरामद कर लिया गया. इस हादसे में विमान पर सवार दोनों पायलटों के शव पहले ही मिल चुके थे। अब जब मलबा बरामद हो गया है, तो इसकी जांच से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी.
हादसे की पृष्ठभूमि
यह विमान अलकेमिस्ट एविएशन नामक कंपनी का था, जो जमशेदपुर में पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का संचालन करती है. 20 अगस्त को इस विमान ने सोनारी एयरपोर्ट से दोपहर में उड़ान भरी थी. इसे पटना के निवासी और अनुभवी पायलट कैप्टन जीत शत्रु आनंद उड़ा रहे थे, जबकि उनके साथ जमशेदपुर के ट्रेनी पायलट शुभ्रोदीप दत्ता भी मौजूद थे. विमान ने उड़ान भरने के करीब 20 मिनट बाद ही अचानक एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क खो दिया था. इस अचानक हुए संपर्क विच्छेद के बाद ही यह अंदेशा हो गया था कि कुछ अनहोनी हुई है. जल्द ही विमान की तलाश शुरू की गई, लेकिन पहले कुछ दिनों तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला. इस हादसे के बाद अलकेमिस्ट एविएशन द्वारा संचालित पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है.
मलबे की खोज और बरामदगी
विमान के आखिरी ज्ञात लोकेशन के आधार पर खोजबीन शुरू की गई थी, लेकिन पहले दिन कोई सफलता नहीं मिली. हादसे के दूसरे दिन चांडिल डैम के पास स्नान कर रहे दो ग्रामीणों, तपन मांझी और रूसा मांझी, ने पुलिस को जानकारी दी कि उन्होंने एक विमान को डैम में गिरते हुए देखा था. इस जानकारी के बाद खोज अभियान को चांडिल डैम की ओर केंद्रित किया गया. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारतीय नौसेना की टीमों ने मिलकर सर्च ऑपरेशन को आगे बढ़ाया. इस अभियान में रविवार को डैम से विमान के कुछ टुकड़े बरामद हुए, जिससे यह साफ हो गया कि विमान डैम में ही गिरा था. इसके बाद सोमवार को डीप सर्च ऑपरेशन चलाया गया और बैलून की मदद से डैम की गहराइयों से विमान का पूरा मलबा बाहर निकाला गया.
डीजीसीए की जांच को मिलेगी मदद
अब जब विमान का मलबा बरामद हो गया है, तो इसे डीजीसीए के हवाले किया जाएगा, जो इस हादसे की जांच कर रहा है. मलबे की जांच से डीजीसीए को यह समझने में मदद मिलेगी कि विमान के क्रैश होने के पीछे क्या कारण थे. क्या यह कोई तकनीकी खराबी थी, या फिर उड़ान के दौरान कुछ और कारण बना, जो इस हादसे की वजह बना? इन सवालों के जवाब अब डीजीसीए की जांच से मिल सकेंगे.