रांची जिले में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या और उनमें होने वाली मौतों का आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है. साल 2024 में सड़क हादसों में कुल 485 लोगों की जान गई, जो साल 2023 में 458 मौतों की तुलना में अधिक है. हर महीने औसतन 25-30 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा पैदल चलने वाले लोग और दोपहिया वाहन चालक शामिल हैं.
जागरूकता अभियान का फायदा नहीं
केंद्र और राज्य सरकार हर साल सड़क सुरक्षा को लेकर लाखों रुपये खर्च कर जागरूकता अभियान चलाती हैं. ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस चेकिंग करती है, चालान काटे जाते हैं, और लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाता है. इसके बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है.
सड़क हादसों के आंकड़े
• 2023: 458 मौतें
• 2024: 485 मौतें
• जख्मी: 2023 में 406 गंभीर रूप से घायल, 2024 में यह संख्या घटकर 352 हुई. मामूली चोट के मामलों में 2023 में 51 और 2024 में 65 दर्ज हुए.
• दुर्घटनाएं: 2024 में कुल 271 सड़क दुर्घटनाएं हुईं.
कहां हो रहे हैं सबसे ज्यादा हादसे?
रांची के कुछ खास इलाकों में सड़क हादसों की संख्या सबसे ज्यादा है. इनमें शामिल हैं:
• रांची-रामगढ़ रोड (चुटुपालू घाटी): तीखे मोड़ों और तेज रफ्तार के कारण लगातार हादसे होते हैं.
• रांची-पतरातू रोड: कांके चौक से आगे असुरक्षित मोड़ और नए फ्लाईओवर के पास बेतरतीब टर्निंग हादसों का कारण बनती है.
• रांची-टाटा एनएच: पहले तीखे मोड़ होने के कारण हादसे होते थे, लेकिन अब सड़क सुधार के बाद वाहनों की तेज रफ्तार भी हादसों का बड़ा कारण बन गई है.
• रांची रिंग रोड: रिंग रोड पर तेज रफ्तार, बिना हेलमेट सवारी, और ओवरटेकिंग की प्रवृत्ति के कारण हादसों में बढ़ोतरी हुई है.
दिसंबर और जनवरी में सबसे ज्यादा हादसे
आंकड़ों के अनुसार, साल के अंत और नए साल की शुरुआत में सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या बढ़ जाती है. दिसंबर 2024 में पूरे साल के सबसे ज्यादा हादसे और मौतें दर्ज की गईं. युवा वर्ग इस दौरान तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं का शिकार हुआ.
साइकिल चालक सबसे सुरक्षित
रिपोर्ट बताती है कि सड़क पर साइकिल चलाने वाले लोग अन्य वाहन चालकों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित हैं. सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें दोपहिया वाहन चालकों की होती हैं.
क्या कर रही है सरकार?
सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन कई कदम उठा रहे हैं:
• सड़क पर ओवरस्पीडिंग की जांच के लिए नियमित चेकिंग.
• गाड़ियों की गति पर नियंत्रण के लिए स्पीड ब्रेकर और साइनेज.
• सड़क सुरक्षा अभियान के तहत स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम.
• चालान और फाइन सिस्टम को सख्त बनाना.
• परंतु इन सबके बावजूद सड़क हादसों में कोई बड़ी कमी नहीं आ रही है.
रांची के डीटीओ का बयान
डीटीओ अखिलेश कुमार के अनुसार, “सड़क हादसे रोकने के लिए हर साल लोगों को जागरूक किया जाता है. ओवरस्पीडिंग की जांच की जाती है. फिर भी सड़क हादसे पूरी तरह रुक नहीं पा रहे हैं.
तेज रफ्तार बनी सबसे बड़ी समस्या
रांची और आसपास के इलाकों में सड़कें बेहतर हुई हैं, जिससे वाहन चालकों की रफ्तार बढ़ गई है. खासकर युवा वर्ग तेज रफ्तार बाइक चलाने और हेलमेट नहीं पहनने की प्रवृत्ति के कारण हादसों का शिकार हो रहा है.
हादसों से बचाव के सुझाव
• गति नियंत्रण: रफ्तार पर नियंत्रण रखने के लिए स्पीड लिमिट का पालन जरूरी है.
• सुरक्षा उपकरण: हेलमेट और सीट बेल्ट का अनिवार्य रूप से उपयोग करें.
• जागरूकता: लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करें.
• सड़क सुधार: खतरनाक मोड़ों पर साइनेज और स्पीड ब्रेकर लगाना जरूरी है.
• पुलिस पेट्रोलिंग: दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में नियमित पुलिस गश्त बढ़ाई जानी चाहिए.