रांची: झारखंड सरकार राज्य के दिहाड़ी मजदूरों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए एक अहम कदम उठाने जा रही है। नगर विकास विभाग द्वारा राज्य के सभी 49 शहरी निकायों में “श्रमिक चौक” बनाए जाएंगे। इन चौकों का निर्माण केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) के तहत किया जाएगा।
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श्रमिक चौक उन स्थानों पर बनाए जाएंगे, जहां रोजाना बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर काम की तलाश में एकत्र होते हैं। अभी इन स्थानों पर न तो बैठने की सुविधा है, न ही शौचालय या अन्य बुनियादी जरूरतें। नए चौकों के माध्यम से मजदूरों को बेहतर सुविधाएं और सम्मानजनक माहौल मिलेगा।
इस योजना के तहत सिर्फ श्रमिक चौक ही नहीं, बल्कि रांची, जमशेदपुर और धनबाद जैसे बड़े शहरों में 50-50 बेड के आश्रय गृहों का भी निर्माण किया जाएगा। इन आश्रय गृहों में ऐसे लोगों को रात में रहने की सुविधा मिलेगी, जो खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। गर्मी, सर्दी और बारिश जैसे मौसमों में इन आश्रय गृहों से उन्हें राहत मिलेगी।
ऋण सहायता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी पहल
इसके साथ-साथ DAY-NULM योजना के तहत नगर निकायों में 4500 स्वयं सहायता समूहों (SHG) या सामूहिक हित समूहों (CIG) का गठन किया जाएगा। इन समूहों को चक्रीय निधि उपलब्ध कराई जाएगी। चयनित महिलाओं के समूहों से 300 क्षेत्र स्तरीय फेडरेशन (ALF) बनाए जाएंगे, जिनका उद्देश्य शहरी गरीब महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण करना है।
इन महिला लाभुकों को उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे स्वयं के सूक्ष्म उद्यम स्थापित कर सकें। इसके लिए उन्हें सूड अनुदान पर ऋण भी दिया जाएगा, जिससे करीब 3000 शहरी गरीबों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
झारखंड सरकार का यह प्रयास राज्य के दिहाड़ी मजदूरों और शहरी गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बुनियादी सुविधाएं और आर्थिक सहायता दोनों ही पहलुओं को साथ लेकर चलने वाली यह योजना आने वाले समय में समाज के कमजोर वर्गों के लिए संबल बनेगी।