झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि से वंचित महिलाओं का आक्रोश सोमवार को सड़कों पर दिखा. बोकारो जिले के फुसरो नगर परिषद और बेरमो प्रखंड क्षेत्र की हजारों महिलाओं को अब तक योजना की तीन किस्तों के 7500 रुपये नहीं मिले हैं. बार-बार बैंक और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद कोई समाधान नहीं मिलने से परेशान महिलाओं ने आखिरकार सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया.
सड़क पर उतरीं महिलाएं, पुलिस को करनी पड़ी समझाइश
सोमवार को सुबह से ही महिलाओं की भीड़ बेरमो थाना क्षेत्र के पास जुटने लगी. धीरे-धीरे यह भीड़ इतनी बढ़ गई कि महिलाओं ने फुसरो-जैनामोड़ मुख्य सड़क को जाम कर दिया. लगभग एक घंटे तक यह सड़क जाम रही, जिससे यातायात प्रभावित हुआ और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा. महिलाओं का कहना था कि उन्हें योजना की तीनों किस्तों की राशि नहीं मिली है, जबकि सरकार द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि पैसे लाभुकों के खातों में भेजे जा चुके हैं. महिलाओं ने प्रशासन और बैंक कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं हुआ. इस दौरान महिलाएं जमकर नारेबाजी करने लगीं और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया. सूचना मिलते ही बेरमो थाना प्रभारी रोहित कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और महिलाओं से सड़क जाम समाप्त करने का अनुरोध किया. लेकिन महिलाएं अपनी मांग पर अड़ी रहीं.
सीओ से फोन पर हुई बातचीत, मंगलवार को समाधान का आश्वासन
थाना प्रभारी ने स्थिति को संभालने के लिए महिलाओं को लेकर बेरमो अंचल कार्यालय गए, जहां उन्होंने उन्हें समझाने की कोशिश की. लेकिन महिलाओं की नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि वे शांत होने को तैयार नहीं थीं. इस बीच काफी हो-हंगामा हुआ. इसके बाद थाना प्रभारी ने महिलाओं की सीओ संजीत कुमार सिंह से फोन पर बात करवाई. सीओ ने महिलाओं को बताया कि वे अभी बाहर हैं, लेकिन मंगलवार सुबह 11 बजे वह स्वयं आकर महिलाओं से मिलेंगे और उनकी समस्या का समाधान करेंगे. प्रशासन से मिले इस आश्वासन के बाद ही महिलाएं शांत हुईं और सड़क से हट गईं.
शिविर में भी नहीं मिला समाधान, महिलाओं में बढ़ी नाराजगी
इससे पहले फुसरो नगर परिषद की ओर से कौशल विकास केंद्र में मंईयां सम्मान योजना से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक शिविर लगाया गया था. इस शिविर में सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया था, लेकिन यहां भी कोई ठोस समाधान नहीं मिल सका. शिविर में मौजूद अधिकारियों ने महिलाओं को केवल सामान्य जानकारी दी, लेकिन उनकी समस्याओं का न तो समाधान हुआ और न ही उन्हें यह बताया गया कि उनकी राशि उनके खाते में क्यों नहीं आई. इस बात से नाराज होकर महिलाएं सड़क पर उतर आईं और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगीं.
महिलाओं ने बताई अपनी परेशानियां
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि वे पिछले कई महीनों से इस योजना का लाभ पाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन बैंक और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो चुकी हैं.
• एक महिला लाभुक ने कहा,
“हम कई बार बैंक गए, वहां से कहा जाता है कि सरकारी दफ्तर जाओ. जब सरकारी दफ्तर जाते हैं, तो वहां से कोई सही जवाब नहीं मिलता। आखिर हम कहां जाएं?”
• एक अन्य महिला ने कहा,
“सरकार कह रही है कि पैसा भेज दिया गया है, लेकिन हमें कुछ नहीं मिला. हमारे खाते में आज तक कोई पैसा नहीं आया.“
महिलाओं का कहना है कि अगर मंगलवार को भी उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वे फिर से सड़क पर उतरेंगी और बड़ा आंदोलन करेंगी.
क्या है मंईयां सम्मान योजना?
झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र की विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना के तहत लाभुकों को हर तीन महीने पर 2500 रुपये की राशि दी जानी थी, लेकिन कई महिलाओं को यह पैसा अब तक नहीं मिला है.
प्रशासन ने दिया समाधान का भरोसा
सीओ संजीत कुमार सिंह ने आश्वासन दिया है कि मंगलवार को महिलाओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना जाएगा और जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा. प्रशासन का कहना है कि योजना से जुड़ी तकनीकी समस्याओं की भी जांच की जाएगी, ताकि लाभुकों को उनके हक की राशि मिल सके.
महिलाओं की चेतावनी – नहीं मिला समाधान तो फिर होगा प्रदर्शन
महिलाओं ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें मंगलवार को भी कोई समाधान नहीं मिला तो वे फिर से विरोध प्रदर्शन करेंगी और इस बार आंदोलन और बड़ा होगा. प्रशासन के सामने अब चुनौती है कि वे महिलाओं की समस्याओं का त्वरित समाधान करें, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके.