जमशेदपुर: संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, दोनों स्वस्थ..

जमशेदपुर: बुधवार की तड़के सुबह आनंद विहार भुवनेश्वर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में एक प्रसूति महिला और उसके नवजात की जान बचाने के लिए टाटानगर स्टेशन से खुल चुकी ट्रेन को वापस लौटाया गया. फिलहाल जच्चे-बच्चे का इलाज एमजीएम अस्पताल में चल रहा है. महिला का नाम रानू दास है और उसे ओड़िशा के जलेश्वर जाना था. एमजीएम में परिजनों ने बताया कि बुधवार सुबह करीब सवा चार बजे टाटानगर स्टेशन से ट्रेन खुलते ही रानू दास को लेबर पेन शुरू हुआ और थोड़ी देर में ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया. रानू दास अपने चार साल के बेटे और माता-पिता के साथ ट्रेन के एस 5 बॉगी में सफर कर रही थी. बच्चे के जन्म देने के बाद परिजनों ने चेन खींची, तब तक ट्रेन टाटानगर आउटर सिग्नल को पार कर चुकी थी. चेन खींचे जाने के कारण ट्रेन स्कॉर्ट ड्यूटी में तैनात आरपीएफ के जवान वहां पहुंचे. उन्होंने बच्चे के जन्म की बात कंट्रोल रूम को बताई. इसके बाद रेलवे के अधिकारियों ने तत्काल वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी. रेलवे के वरीय अधिकारियों ने त्वरित निर्णय लेते हुए ट्रेन को वापस स्टेशन पर लाने का निर्देश दिया. क्योंकि टाटानगर के आगे ट्रेन का अगला स्टॉपेज हिजली था, जो कि करीब सवा दो घंटे बाद आता, जिससे महिला और नवजात की जान को खतरा हो सकता था. अधिकारियों के निर्देश के बाद ट्रेन को बैक किया गया. जिसके बाद एंबुलेंस के साथ डॉक्टर को रवाना किया गया. एंबुलेंस के पहुंचने तक ट्रेन वापस टाटानगर स्टेशन पर आ चुकी थी.

तीसरे अस्पताल में कट सकी गर्भनाल
परिजनों ने बताया कि सुबह करीब पौने पांच बजे महिला को एंबुलेंस से पहले रेलवे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन वहां सुविधा नहीं होने के कारण उसे फिर सदर अस्पताल ले जाया गया. वहां भी महिला को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया. फिर एंबुलेंस से उन्हें एमजीएम अस्पताल पहुंचाया गया. बच्चे की गर्भनाल भी एमजीएम आकर काटी गई. जिसके बाद नवजात को जरूरी इंजेक्शन दिए गए. फिलहाल जच्चा-बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. हालांकि एमजीएम में भी वार्ड फुल होने के कारण रानू दास और उसका इलाज बरामदे में लगे बेड पर ही चल रहा है. दूसरी ओर, ट्रेन को वापस लौटाने और महिला को ले जाने के कारण एक घंटे का विलंब हुआ और करीब सवा पांच बजे ट्रेन को भुवनेश्वर के लिए रवाना किया जा सका.