उद्योग संबंधी संसदीय स्थायी समिति की बैठक में सिक इंडस्ट्रीज को पुनर्जीवित करने के उपायों और एचईसी (हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन) की मौजूदा स्थिति पर गंभीर चर्चा की गई. इस बैठक में समिति ने एचईसी से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे, जिनका उद्देश्य कंपनी के भविष्य को लेकर रणनीतियों और उपायों की जांच करना था. समिति ने विशेष रूप से यह जानने की कोशिश की कि 1966 के बाद से एचईसी केवल छह बार ही मुनाफे में क्यों रही, जबकि अधिकांश समय घाटे में क्यों चलती रही.
एचईसी की स्थिति और कर्मचारियों से जुड़े सवाल
समिति के सवालों में यह भी शामिल था कि 1966 में एचईसी में कार्यरत कर्मचारियों की औसत आयु क्या थी, उस समय कंपनी में कर्मचारियों की संख्या कितनी थी और वर्तमान में कर्मचारियों की स्थिति क्या है. इसके साथ ही, एचईसी के उपकरणों और मशीनों की वर्तमान स्थिति, पहले और वर्तमान समय में उनके कामकाजी हालात में आए बदलाव को लेकर भी जानकारी मांगी गई. एचईसी के कार्यशैली और कार्यशील पूंजी को लेकर भी समिति ने सवाल उठाए. समिति ने पूछा कि एचईसी किस प्रकार के वर्क ऑर्डर पर विशेषज्ञता रखती है और उसकी कार्यशैली कैसी है. इसके अलावा, यह भी पूछा गया कि एचईसी को पुनरुद्धार पैकेज दिए जाने के बावजूद कंपनी अभी भी घाटे में क्यों चल रही है.
समिति ने मांगा एक माह में जवाब
संसदीय समिति ने एचईसी से इस मुद्दे पर एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है, ताकि पुनरुद्धार के लिए किए गए प्रयासों की जांच की जा सके. रिपोर्ट तैयार करने के लिए एचईसी के कार्मिक विभाग के कर्मचारी पूरी ताकत से काम कर रहे हैं. इससे पहले दस दिन पहले हुई समिति की बैठक में एचईसी के पुनरुद्धार के ठोस उपायों और रणनीतियों पर चर्चा की गई थी. समिति ने विशेष रूप से यह जानने की कोशिश की कि भारत सरकार द्वारा एचईसी के लिए अब तक कौन-कौन से प्रयास किए गए हैं और क्या रणनीतिक योजनाएं बनाई गई हैं.
कंपनी के गिरावट के कारणों की जांच
समिति ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि एचईसी की गिरावट के मुख्य कारण क्या हैं और इसके समाधान के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं. नवाचार और उत्पादन बढ़ाने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों पर भी सवाल किए गए. हालांकि, कुछ सवाल ऐसे भी थे, जिनका एचईसी के पास स्पष्ट जवाब नहीं था, क्योंकि वे मामले कई वर्षों पुरानी घटनाओं से संबंधित थे और पुराने रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहे थे. संसदीय समिति ने इस पर विशेष ध्यान देने को कहा और एचईसी से इन सभी पहलुओं पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.