कौन करेगा अमित शाह की बैठक में झारखंड पुलिस का प्रतिनिधित्व…..

10 मई को रांची स्थित होटल रेडिसन ब्लू में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में पूर्वी भारत के राज्यों के कई मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिसमें सुरक्षा, अपराध नियंत्रण, महिला और बाल सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं.

केंद्र ने DGP अनुराग गुप्ता को मान लिया सेवानिवृत्त

झारखंड के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता का नाम राज्य सरकार द्वारा इस बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों की सूची में शामिल किया गया है. लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें 30 अप्रैल को ही सेवानिवृत्त मान लिया है, जिसके चलते उनकी भागीदारी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. अगर केंद्र से अनुमति नहीं मिलती है, तो वह इस बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.

राज्य सरकार ने तैयार किया विकल्प – असीम विक्रांत मिंज

इस अनिश्चितता को देखते हुए झारखंड सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था कर दी है. अपराध अनुसंधान विभाग (CID) के आईजी असीम विक्रांत मिंज को बैठक के लिए तैयार किया जा रहा है. उन्हें पुलिस विभाग की ओर से प्रतिनिधित्व करने और बैठक में प्रस्तुत किए जाने वाले विषयों की जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं.

महिला व बाल अपराधों पर होगी खास चर्चा

बैठक में झारखंड पुलिस को महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की स्थिति, पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई, अनुसंधान में प्रगति और दोषियों को सजा दिलाने की दर से जुड़ी जानकारी पेश करनी होगी. इसके अलावा, ‘पोक्सो एक्ट’ के अंतर्गत चल रहे मामलों की वर्तमान स्थिति और आंकड़ों की प्रस्तुति भी पुलिस विभाग की जिम्मेदारी होगी.

डायल 112 की रिस्पांस दर भी आएगी सामने

बैठक में आकस्मिक स्थिति में तत्काल सहायता के लिए शुरू की गई डायल 112 सेवा की कार्यप्रणाली और रिस्पांस टाइम की जानकारी भी केंद्रीय गृह मंत्री के सामने रखी जाएगी. राज्य सरकार चाहती है कि इन विषयों पर पूरी तैयारी के साथ प्रतिनिधित्व हो ताकि झारखंड की छवि मजबूत हो सके.

मुख्य सचिव की बैठक में भी उठे सवाल

कुछ दिन पहले मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी अनुराग गुप्ता को लेकर सवाल उठे थे. कई वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने उनके नाम पर आपत्ति जताई थी. अधिकारियों का कहना था कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अनुराग गुप्ता को सेवानिवृत्त मान लिया गया है और उन्हें डीजीपी के पद पर बनाए रखना नियमों के खिलाफ है.

नियुक्ति नियमावली में संशोधन की मांग

कुछ अधिकारियों ने डीजीपी की नियुक्ति से संबंधित नियमावली में मौजूद खामियों को उजागर करते हुए उसमें संशोधन की मांग भी रखी है. उनका कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद अनुराग गुप्ता को पद पर बनाए रखने का निर्णय न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी सवाल उठते हैं.

अंतिम फैसला केंद्र पर निर्भर

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार अनुराग गुप्ता को बैठक में शामिल होने की अनुमति देती है या नहीं. अगर अनुमति नहीं मिलती, तो असीम विक्रांत मिंज झारखंड पुलिस का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे. इसको लेकर राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है, ताकि किसी भी स्थिति में बैठक में पुलिस विभाग की उपस्थिति और प्रस्तुति में कोई कमी न रहे.

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