रामगढ़ जिले के प्रसिद्ध पतरातू डैम में हालिया भारी बारिश के कारण जलस्तर में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है. बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने न केवल डैम के जलस्तर को तेजी से बढ़ाया है, बल्कि आसपास के इलाकों में भी जलभराव का संकट खड़ा कर दिया है. ऐसे में प्रशासन को डैम के गेट खोलने का निर्णय लेना पड़ा, जिससे अतिरिक्त पानी को बहाया जा सके और डैम पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सके.
आज देर रात खोला जाएगा फाटक
शेष परिसंपत्ति के अधिकारी बढ़ते जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैं. पीटीपीएस शेष परिसंपत्ति के अधिकारी लगातार डैम पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक डैम का जलस्तर 1328 रेडियस लेवल पर पहुंचने वाला है. अधिकारियों ने बताया कि 1328 रेडियस लेवल पहुंचने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर आज मंगलवार की देर रात डैम के एक या दो फाटक को खोलकर जल की निकासी शुरू कर दी जाएगी.
प्रशासन की चेतावनी
प्रशासन ने इलाके के लोगों को चेतावनी दी है कि वे डैम के आस-पास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें. विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पानी का बहाव ज्यादा है, वहां के निवासियों को पहले से ही तैयार रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है. प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और सरकारी निर्देशों का पालन करें.
सुरक्षा के उपाय
रामगढ़ जिले के प्रशासन ने पूरे इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. संभावित खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को तैनात किया गया है. इसके अलावा, पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. प्रशासन ने बताया कि डैम के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए रात भर गेटों को नियंत्रित तरीके से खोला गया, जिससे जलस्तर को बनाए रखा जा सके.
जलस्तर में वृद्धि के कारण
जलस्तर में इस वृद्धि का मुख्य कारण मानसून के दौरान हुई भारी बारिश है. इस बारिश ने पूरे राज्य में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है. पतरातू डैम, जो कि रामगढ़ जिले के प्रमुख जलाशयों में से एक है, में भी जल का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंच गया. पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून के पैटर्न में बदलाव आया है, जिससे बारिश की मात्रा और समय में भी बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. इस वर्ष भी अचानक आई भारी बारिश ने डैम पर अत्यधिक दबाव डाल दिया है.
आस-पास के गांवों की स्थिति
डैम के आस-पास स्थित गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इन गांवों के लोग पहले से ही सतर्क हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि डैम का पानी उनके खेतों और घरों तक पहुंचने का खतरा बन गया है. हालांकि, प्रशासन की ओर से यह भरोसा दिलाया गया है कि स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी बारिश जारी रहने की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि झारखंड के विभिन्न हिस्सों में आने वाले कुछ दिनों तक भारी बारिश जारी रहेगी, जिससे जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है. ऐसे में प्रशासन को स्थिति पर कड़ी नजर रखनी होगी.
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है. डैम के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है, और स्थिति के अनुसार कार्रवाई की जा रही है. स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार भी हालात पर नजर बनाए हुए है, और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
जनता से अपील
डैम के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें और किसी भी अनावश्यक जोखिम से बचें. खासकर उन लोगों को जो निचले इलाकों में रहते हैं, उन्हें सलाह दी गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.