रांची के मोरहाबादी मैदान में सोमवार और शुक्रवार को हुई दो अलग-अलग रैलियों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी. पहले सोमवार को बेरोजगार युवाओं की आक्रोश रैली हिंसक हो गई, फिर शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ताओं की रैली में पुलिस के साथ तीखा टकराव हुआ. दोनों घटनाओं में पथराव और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल हुआ, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस रिपोर्ट में दोनों घटनाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है.
सोमवार: बेरोजगार युवाओं की आक्रोश रैली
सोमवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में बेरोजगार युवाओं ने आक्रोश रैली का आयोजन किया. इस रैली का उद्देश्य झारखंड राज्य में रोजगार की कमी और सरकारी भर्तियों में हो रही देरी के खिलाफ विरोध प्रकट करना था. रैली में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए, जिनमें से कई दूर-दराज के इलाकों से आए थे. इन युवाओं ने अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए इस रैली का सहारा लिया था.
रैली का उद्देश्य और शुरुआती माहौल
युवाओं का आक्रोश इस बात पर था कि राज्य में लंबे समय से सरकारी भर्तियां नहीं हो रही हैं और रोजगार के अवसर लगातार कम हो रहे हैं. वे एक बेहतर भविष्य की उम्मीद में रैली में शामिल हुए थे. रैली का प्रारंभिक माहौल शांतिपूर्ण था, लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, तनाव भी बढ़ने लगा. युवाओं के बीच सरकारी नौकरी पाने का सपना और बेरोजगारी की निराशा गहरा गई थी.
स्थिति कैसे बिगड़ी
दोपहर के समय, रैली अपने चरम पर पहुंच गई. अचानक कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की. प्रशासन ने पहले से ही रैली के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिसमें बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था. लेकिन जैसे ही युवाओं ने बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया, स्थिति बेकाबू हो गई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया. इस अप्रत्याशित हमले से पुलिस भी हतप्रभ रह गई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतारू थे. पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और मैदान में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
रैली के बाद की स्थिति
मोरहाबादी मैदान एक रणक्षेत्र में बदल गया. चारों ओर चीख-पुकार मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया. पुलिस की कार्रवाई के बाद धीरे-धीरे भीड़ तितर-बितर हो गई. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों को चोटें आईं. सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है.
प्रशासन और राजनीतिक प्रतिक्रिया
रांची प्रशासन ने युवाओं से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। साथ ही पुलिस ने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में इस तरह की कोई घटना होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस घटना ने राज्य में बेरोजगारी के संकट को उजागर किया है. युवाओं का यह आक्रोश सरकार के लिए चेतावनी है कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द किया जाए, वरना स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार की नाकामी का परिणाम है.
शुक्रवार: भाजपा कार्यकर्ताओं की रैली में हिंसा
झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ताओं और राज्य पुलिस के बीच बड़ा टकराव हुआ. यह घटना भी मोरहाबादी मैदान में हुई, जहां भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) द्वारा आक्रोश रैली का आयोजन किया गया था. इस रैली का उद्देश्य राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध करना था.
रैली में प्रमुख नेताओं की भागीदारी
भाजयुमो की इस आक्रोश रैली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, विधायक भानु प्रताप शाही और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए. इन नेताओं ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार को आड़े हाथों लिया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने रैली के बाद मुख्यमंत्री निवास की ओर प्रदर्शन करने का कार्यक्रम बनाया था.
पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच टकराव
प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पहले से ही मोरहाबादी मैदान के चारों ओर बैरिकेडिंग कर रखी थी. जैसे ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिससे स्थिति बिगड़ गई. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार का भी इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि पुलिस ने रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल करके आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे मोरहाबादी मैदान में अफरा-तफरी मच गई. भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के आंसू गैस के गोले दागे.
भाजपा नेताओं के आरोप और पुलिस का पक्ष
रैली के दौरान भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. विधायक भानु प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार युवाओं की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है. अर्जुन मुंडा ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आदिवासियों के हितों की अनदेखी कर रही है. रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने बताया कि रैली गैरकानूनी थी और पुलिस ने केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की थी.
रैली के बाद की स्थिति और राजनीतिक माहौल
मोरहाबादी मैदान में हुई इस घटना के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण रही. पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प के कारण पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई. इस घटना के बाद रांची में राजनीतिक माहौल गरमा गया है. भाजपा ने राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया है और कहा है कि पुलिस की कार्रवाई लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. वहीं, पुलिस का कहना है कि उन्होंने केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की है और प्रदर्शनकारियों ने उकसावे की कार्रवाई की थी.