चंपई सोरेन के घर की सुरक्षा में कटौती झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए चंपई सोरेन के घर की सुरक्षा में कटौती किए जाने से विवाद खड़ा हो गया है. चंपई सोरेन के जिलिंगगोड़ा स्थित घर के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों को राज्य सरकार के आदेश पर हटा लिया गया है. इसके साथ ही उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन और प्रेस सलाहकार धर्मेंद्र गोस्वामी उर्फ चंचल को जो अंगरक्षक राज्य सरकार की ओर से दिए गए थे, उन्हें भी हटा लिया गया है. हालांकि, चंपई सोरेन की व्यक्तिगत सुरक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उनके साथ पहले की तरह दौरे के समय अंगरक्षक तैनात रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक, घर की सुरक्षा में लगे तीन से चार जवानों को हटा दिया गया था, लेकिन उन्हें जल्द ही वापस तैनात किया जा सकता है. राज्य सरकार के इस कदम के बाद स्थानीय ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है.
ग्रामीणों का हेमंत सरकार के खिलाफ आक्रोश
राज्य सरकार के इस फैसले से ग्रामीणों में गुस्सा है. उनका कहना है कि चंपई सोरेन जमीन से जुड़े हुए नेता हैं, जिन्होंने झारखंड के अलग राज्य बनने के लिए आंदोलन किया और जंगलों में संघर्ष किया. ऐसे नेता की सुरक्षा में कटौती करना राज्य सरकार का अनुचित कदम है. ग्रामीणों का मानना है कि चंपई सोरेन को पहले जो सुरक्षा दी गई थी, उसे हटाया नहीं जाना चाहिए था. ग्रामीणों का कहना है कि हेमंत सरकार का यह निर्णय चंपई सोरेन के योगदान और लोकप्रियता को नजरअंदाज करने जैसा है. वे मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे और चंपई सोरेन की सुरक्षा में कटौती वापस ले. बीजेपी में शामिल होने के बाद सुरक्षा में कटौती गौरतलब है कि 30 अगस्त को चंपई सोरेन ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद से वे लगातार झामुमो पर हमलावर रहे हैं. चंपई सोरेन कोल्हान क्षेत्र के बड़े नेता माने जाते हैं और उनकी बीजेपी में एंट्री को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. माना जा रहा है कि इससे बीजेपी को झारखंड विधानसभा चुनावों में फायदा हो सकता है और सीटों में इजाफा देखने को मिल सकता है.
बीजेपी की रणनीति और चंपई सोरेन की भूमिका
चंपई सोरेन की बीजेपी में एंट्री से पार्टी कोल्हान क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है. चंपई सोरेन की लोकप्रियता और उनकी जनाधार को देखते हुए बीजेपी को उम्मीद है कि इससे झारखंड में बीजेपी की स्थिति मजबूत होगी. चंपई सोरेन ने भी बीजेपी में शामिल होते ही हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला था और कहा था कि राज्य में सत्ता परिवर्तन होना जरूरी है. चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद सुरक्षा में की गई कटौती को लेकर विपक्ष ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. विपक्ष का कहना है कि ये कदम चंपई सोरेन की सुरक्षा से खिलवाड़ करने जैसा है. राज्य सरकार को चाहिए कि वह सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कटौती करने से पहले अच्छी तरह से विचार करे और सुरक्षा सुनिश्चित करे.