रांची के मोरहाबादी मैदान में इस साल विजयदशमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस विशेष अवसर पर 70 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन हुआ, जिसका शुभारंभ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बटन दबाकर किया. इस आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और जय श्रीराम के नारों से माहौल गूंज उठा.
रावण दहन का आयोजन और राम दरबार
रांची में पंजाबी हिंदू बिरादरी द्वारा आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में रावण के 70 फीट ऊंचे पुतले का निर्माण किया गया था. यह पुतला बुराई के प्रतीक रावण को दर्शाता है और हर साल की तरह इसे धू-धू कर जलाया गया. रावण दहन से पहले मोरहाबादी मैदान में राम दरबार की झांकी सजाई गई, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान का पूजन किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राम दरबार का तिलक कर और आरती उतारकर इस आयोजन की शुरुआत की. इस अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री के अलावा केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ और रांची के विधायक सीपी सिंह भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. इन्होंने भी राम दरबार की आरती उतारी और पूजा-अर्चना की. इसके बाद मंच से सभी गणमान्य अतिथियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पगड़ी पहनाकर, चुनरी ओढ़ाकर और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया, वहीं संजय सेठ और सीपी सिंह का भी इसी प्रकार स्वागत किया गया.
रामलीला का मंचन और रावण वध की झांकी
रावण दहन से पहले एक संक्षिप्त रामलीला का मंचन किया गया, जिसमें भगवान राम और रावण के युद्ध की झांकी प्रस्तुत की गई. रामलीला के इस भाग में रावण वध की दृश्यावली को खास तौर पर दिखाया गया. यह मंचन श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक आकर्षण का केंद्र रहा और सभी ने इसे सराहा. रामलीला की इस झांकी के बाद कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रावण दहन का आयोजन हुआ. इससे पहले, भगवान हनुमान द्वारा सोने की लंका का दहन किया गया, जिसके बाद मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन क्रमशः विधायक सीपी सिंह और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने किया. अंत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 70 फीट ऊंचे रावण के पुतले का बटन दबाकर दहन किया, जिससे पूरा मैदान जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा.
आतिशबाजी ने बढ़ाई शोभा
रावण दहन से पहले रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने माहौल को और भी भव्य बना दिया. पांच मिनट से अधिक समय तक चले इस आतिशबाजी ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया. आसमान में रंग-बिरंगे पटाखों की चमक के साथ रावण के पुतले का दहन एक अद्भुत दृश्य पेश कर रहा था.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर उपस्थित लोगों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं और कहा कि रावण दहन का यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. उन्होंने कहा, “रावण दहन से हमें यह संदेश मिलता है कि असत्य पर हमेशा सत्य की जीत होती है. भगवान श्रीराम ने हमें जो संदेश दिया था, वह आज भी प्रासंगिक है. हमें इस अवसर पर संकल्प लेना चाहिए कि हम श्रीराम के आदर्शों का पालन करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान से रावण दहन के माध्यम से पूरे राज्य और देश को बुराई के खिलाफ अच्छाई की जीत का संदेश जाएगा.
जय श्रीराम के नारों से गूंजा मोरहाबादी मैदान
रावण दहन के दौरान, मंच से लेकर मोरहाबादी मैदान में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के नारे लगाए. हर कोई इस महा आयोजन का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहा था. विजयदशमी के इस पर्व में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रावण दहन को देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचे थे.
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
रावण दहन के बाद कार्यक्रम का औपचारिक समापन हुआ, जिसमें पंजाबी हिंदू बिरादरी के अध्यक्ष ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया. दशहरा कमेटी के अध्यक्ष ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी लोगों का आभार जताया और कार्यक्रम को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने पर खुशी जाहिर की.