गिरिडीह, झारखंड: डुमरी प्रखंड में कार्यरत पंचायत सेवक सुखलाल महतो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे झारखंड को झकझोर कर रख दिया है। बीडीओ और मुखिया पति समेत चार लोगों पर भ्रष्टाचार और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कार्यालय परिसर में जहर खाने वाले पंचायत सेवक की रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद इलाके में बवाल मच गया।
धरने पर बैठे परिजन और विधायक, शव के साथ 12 घंटे से अधिक प्रदर्शन
रविवार रात से ही सैकड़ों ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने शव के साथ डुमरी प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना शुरू कर दिया। सोमवार सुबह डुमरी विधायक जयराम महतो भी धरने में शामिल हो गए और एफआईआर की मांग पर अड़े रहे। परिजनों का कहना था कि बीडीओ अन्वेषा ओना, मुखिया के पति परमेश्वर नायक, रोजगार सेवक अनिल कुमार और एक अन्य व्यक्ति द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था।
SDM की वार्ता के बाद मानीं परिजन की मांगें
लगातार बढ़ते विरोध के बीच एसडीएम संतोष गुप्ता ने मौके पर पहुंचकर परिजनों और विधायक से वार्ता की। इसके बाद प्रशासन ने चारों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और मृतक के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने पर सहमति जताई।
प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त किया गया और शव का अंतिम संस्कार हुआ।
B.D.O. अन्वेषा ओना गईं छुट्टी पर
घटना के बाद बीडीओ अन्वेषा ओना को लेकर क्षेत्र में काफी रोष है। जानकारी के अनुसार, वह अब अवकाश पर चली गई हैं, जबकि उनके खिलाफ जांच और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
सरकार ने गठित की जांच कमेटी
राज्य सरकार के निर्देश पर गिरिडीह उपायुक्त रामनिवास यादव ने चार सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है, जिसमें अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरुआ, एसडीएम संतोष गुप्ता, डीएसपी नीरज कुमार सिंह और डॉ. रवि महर्षि शामिल हैं।