रांची में अवैध निर्माण की समस्या गंभीर होती जा रही है. रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) में पिछले छह महीनों से 400 से अधिक भवनों के नक्शे स्वीकृति के लिए लंबित हैं. इसके साथ ही, जिन नक्शों को पहले स्वीकृति मिल चुकी थी, वे भी अब तक पास नहीं हो पाए हैं. इस लापरवाही के कारण लोग अपने घरों का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं और अवैध निर्माण की ओर मजबूर हो रहे हैं. हाईकोर्ट ने आरआरडीए को आदेश दिया था कि नक्शों की मंजूरी की प्रक्रिया को एक महीने के भीतर पूरा किया जाए और इसके लिए नया सिस्टम लागू किया जाए. बावजूद इसके, अधिकारियों ने इस आदेश की पूरी तरह अनदेखी की है. आरआरडीए में एस्टेट अफसर और सचिव की पदस्थापना की कमी के कारण सैकड़ों लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि सिर्फ एक अधिकारी की पोस्टिंग की कमी के कारण उनकी योजनाओं पर पानी फिर गया है. इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ है कि लोग अब अवैध निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं. कई लोग जो एक साल से अधिक समय से भवन निर्माण के लिए आवेदन कर चुके हैं और बार-बार आवेदन रिजेक्ट होने के कारण उनके नक्शे पास नहीं हो पाए हैं, उन्होंने अब अवैध निर्माण शुरू कर दिया है. दूसरी ओर, आरआरडीए के इंजीनियरों ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है और ऐसे निर्माणकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है.
नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से हो रहा है अवैध निर्माण
नगर निगम के टाउन प्लानिंग शाखा और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से विभिन्न वार्डों में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है. उदाहरण के तौर पर, वार्ड नंबर-25 के कडरू स्थित आनंद विहार में एक बिल्डर बिना मंजूरी के मल्टी स्टोरी कॉमर्शियल कांप्लेक्स का निर्माण करवा रहा है. स्थानीय निवासियों ने इस पर कई बार शिकायत की है और निगम प्रशासन, आरआरडीए उपाध्यक्ष, डीसी, एसएसपी के साथ-साथ थाना प्रभारी को आवेदन भी दिया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.
मुख्यमंत्री से गुहार
अब, परेशान लोग मुख्यमंत्री से इस स्थिति पर ध्यान देने और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की अपील की है, ताकि आम लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके और अवैध निर्माण पर अंकुश लगाया जा सके.